Homeतिलिस्मी कहानियाँ94 – समुद्री राजा | Samudri Raja | Tilismi Kahaniya | Moral Stories

94 – समुद्री राजा | Samudri Raja | Tilismi Kahaniya | Moral Stories

नैरेटर:- पिछले एपिसोड में आप ने देखा था कि करण और उसके दोस्तों ने राक्षस महाराज को सब सच बताने का प्रयास किया परंतु किसी ने भी उनकी बातों पर विश्वास नहीं किया और उन्हें फिर से कारागार में बंद कर दिया था। उसके बाद फिर वे सभी कारागार से निकलकर उन दोनों राक्षसों के कमरे में चले गए थे। वहां जाने के बाद उन्होंने बहुत सी अजीबो गरीब चीजें देखी। तो क्या आज करण और उसके दोस्त उन दोनों राक्षसों का सच सबके सामने ला पाएंगे चलिए देखते हैं।

बूलबूल:- अब यह सब क्या है?

कमल:- इन्हीं की सहायता से वे राक्षस तंत्र विद्याएं करते हैं।

कुश:- ये सभी कितनी भयानक गुड़ियायें हैं। इन्हें देखकर तो मुझे बहुत ज्यादा डर लग रहा है।

करण:- दोस्तों तुम सभी सावधान रहना किसी भी चीज को यहां पर छूना मत।

करमजीत:- हां दोस्तों सभी ध्यान रखना क्योंकि अगर हमने किसी भी चीज को छुआ तो कुछ भी गलत हो सकता है।

टॉबी:- माफ करना दोस्तों मुझसे एक गलती हो गई।

करण:- क्या हुआ टॉबी?

टॉबी:- वो… दरअसल मुझसे यह बोतल गलती से गिर गई।

शुगर:- टॉबी तुम्हें ध्यान रखना चाहिए था ना। हमसे कितनी बार कहा था कि यहां पर हमें किसी भी चीज को छूना नहीं हैं और तुमने लापरवाही कर दी।

टॉबी:- माफ करना शुगर पर मैंने यह सब जानबूझकर नहीं किया है।

करण:- कोई बात नहीं टॉबी अब तो जो हो गया।

नैरेटर:- तभी वहां पर बहुत तेज हलचल होने लगती है, जिसकी वजह से सब गिर जाते हैं।

कमल:- आखिर यह सब यहां पर क्या हो रहा है?

करमजीत:- पता नहीं मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा है।

बुलबुल:- जरूर कुछ तो बहुत बड़ी गड़बड़ होने वाली है।

करण:- हां दोस्तों तुम सभी अपना ध्यान रखना।

नैरेटर:- तभी वहां पर एक बहुत बड़ा शैतान प्रकट हो जाता है।

शैतान:- आआआआआ…….

बुलबुल:- हे भगवान अब यह कौन आ गया।

कमल:- यह तो शैतान है। इसी की सहायता से वे दोनों राक्षस काला जादू कर पा रहे थे। इसे हरा पाना हमारे लिए बहुत मुश्किल होगा।

शैतान:- तुम सब ने मेरी नींद खराब की है।

सितारा:-(डरते हुए) हह.. अच्छा तो आप सो रहे थे। ठीक है ठीक है, आप फिर से सो जाइए हम सब यहां से जाते हैं।

टॉबी:- हां हमें पता नहीं था, इसलिए आप दोबारा सो जाइए।

बुलबुल:- तुम दोनों कभी तो चुप रहा करो।

सितारा:- अरे बुलबुल पर हमने गलत क्या कहा है?

शैतान:- बस करो, अब तुम्हें इस दूस्साहस की कीमत चुकानी होगी।

करमजीत:- क्या किमत? पहले तुम्हें हमसे मुकाबला करना होगा।

शैतान:- ठीक है, अगर तुम ऐसा ही चाहते हो तो।

कमल:- यह तुम क्या कर रहे हो करमजीत? तुम्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था।

करमजीत:- पर क्यों?

कमल:- तुमने एक शैतान को ललकारा है और किसी शैतान को ललकारना अच्छी बात नहीं। यह हमसे बहुत ज्यादा शक्तिशाली है, इस तरह हम इसका मुकाबला नहीं कर पाएंगे।

करमजीत:- पर कमल जी अब हमारे पास और कोई चारा नहीं है। हमें इस शैतान का मुकाबला करना ही होगा। क्योंकि हम इसका मुकाबला नहीं करेंगे तो भी यह हमें मार ही डालेगा।

करण:- हां तुमने सही कहा हम कम से कम इससे मुकाबला करके इससे जीतने का प्रयास तो कर ही सकते हैं। हमें किसी भी कीमत पर इसे हराना ही होगा।

कमल:- परंतु हम कभी भी मुकाबला करके शैतान को नहीं हरा सकते। हमेशा शैतान को खत्म करने के लिए हमें एक अलग विद्या का उपयोग करना होता है।

टॉबी:- तो कमल जी क्या आपको वो विद्याएं आती हैं।

कमल:- हां थोड़ी बहुत……. आआआ..

बुलबुल:- कमल जी…

करण और सितारा:- कमल जी…

शुगर:- हे भगवान इस शैतान ने कमल जी के साथ क्या कर दिया।

शैतान:- अब मैं तुम सबकी आत्माओं पर भी कब्जा कर लूंगा।

शुगर:- क्या कहा आत्मा.. परंतु तुम ऐसा नहीं कर सकते। तुम्हें पहले हमसे मुकाबला करना होगा।

शैतान:- ठीक है बच्चों जैसी तुम्हारी इच्छा।

नैरेटर:- उसके बाद वह शैतान शुगर को हवा में उठा देता है।

शुगर:- आआ… छोड़ दो मुझे, मुझे जाने दो।

टॉबी:- अरे शुगर। ऐ शैतान मैंने कहा ना जाने दे शुगर को, छोड़ दे उसे।

शैतान:- हा हा हा… बिल्कुल नहीं अब तुम सब मुझसे नहीं बच सकते।

शुगर:- हे भगवान कृपया करके मेरी रक्षा करना।

करमजीत:- तुम शुगर को छोड़ दो तुम्हें सबसे पहले मेरा मुकाबला करना होगा।

नैरेटर:- उसके बाद वह शैतान शुगर को अचानक से छोड़ देता है जिसकी वजह से शुगर जमीन पर बहुत जोर से गिरती है और वहीं पर बेहोश हो जाती है।

टॉबी:- नहीं…….. शुगर। तुम ठीक तो होना शुगर क्या हुआ तुम्हें। कृपया करके अपनी आंखें खोलो।

नैरेटर:- उसके बाद करमजीत अपनी तलवार से उस शैतान पर हमला कर देता है परंतु वह उस शैतान का कुछ नहीं बिगाड़ पाता क्योंकि यह शैतान तो बहुत ज्यादा शक्तिशाली हैं।

करण:- करमजीत…

बुलबुल:- नहीं करमजीत…

टॉबी:- यह तो बहुत ही शक्तिशाली है करण हम सब इसका मुकाबला कैसे करेंगे?

नैरेटर:- उसके बाद करण अपनी तलवार से उस शैतान पर आक्रमण करता है।

बुलबुल:- करण ध्यान से।

सितारा:- हां करण संभाल कर।

नैरेटर:- जब करण अपनी तलवार से उस शैतान पर आक्रमण करता है तो वह हवा में गायब हो जाता है।

टॉबी:- अरे वाह! वह शैतान तो गायब हो गया।

बुलबुल:- हां तुमने सही कहा क्या हमने सच में उसको हरा दिया।

सितारा:- शाबाश करण।

करण:- नहीं ऐसा नहीं है जरूर कुछ तो गड़बड़ है।
(उसके बाद वह शैतान अचानक से उनके सामने आ जाता है और बुलबुल, सितारा, करण, कुश और टॉबी को अपनी जादुई शक्तियों से सभी को रस्सी से बांध देता है।)

शैतान:- हा हा क्या हुआ बच्चों, अब तुम्हें मुझसे डर लग रहा है। चिंता मत करो अभी तो तुम्हें बहुत कुछ देखना है।

नैरेटर:- उसके बाद वह शैतान वहां से फिर से गायब हो जाता है।

टॉबी:- अरे अब यह शैतान फिर से कहां गायब हो गया। यह जरूर फिर से कुछ गड़बड़ करने वाला है।

बुलबुल:- हां करण सच में यह तो बहुत बड़ी गड़बड़ है। इसने तो एक-एक करके सभी को घायल कर दिया है। इस पर तो किसी भी चीज का असर नहीं हो रहा है। हम भला इसका मुकाबला कैसे करेंगे? यह तो हमें भी घायल कर देगा और उसके बाद हम उन दोनों राक्षसों से भी महाराज को नहीं बचा पाएंगे।

कुश:- हां अब हम क्या करेंगे करण?

सितारा:- मैं एक बार अपनी जादुई शक्तियों का इस्तेमाल कर के इसका मुकाबला करने का प्रयास करता हूं।

करण:- हां सितारा तुम प्रयास करो।

टॉबी:- हां सितारा अब तुम ही हमारी आखिरी उम्मीद हो।

सितारा:- ठीक है दोस्तों तुम घबराओ मत। मैं तुम सब की रक्षा करूंगा।

टॉबी:- हां सितारा तुम कर सकते हो मुझे तुम पर पूरा यकीन है, इस शैतान को तुम सबक सिखा दो।

सितारा:- तुम्हारा शुक्रिया टॉबी।

बुलबुल:- वाह इनका यह नजारा तो देखने लायक है।

सितारा:- (चुटकी बजाते हुए) “सितारा है मेरा नाम जादू करना है मेरा काम।”

टॉबी:- तुमने क्या जादू किया सितारा?

सितारा:- अरे मेरे जादू ने तो काम ही नहीं किया। मैं अपने जादू की सहायता से रस्सियों को खोलने का प्रयास कर रहा हूं।

टॉबी:- हां ठीक है सितारा, तुम दोबारा प्रयास करें।

सितारा:- (चुटकी बजाते हुए) “सितारा है मेरा नाम जादू करना है मेरा काम।”

कुश:- शुक्रिया सितारा।

सितारा:- चलो शुक्र है रस्सी खुल गई।

टॉबी:- हां कोई बात नहीं सितारा तुम्हारा जादू काम करने में थोड़ा वक्त लेता है। एक बार में कहा ही कुछ होता है।

सितारा:- (टॉबी की तरफ तिरछी नजरों से देखते हुए) क्या कहा तुमने?

बुलबुल:- हां ठीक है अब हम सभी को होश में लाने का प्रयास करते हैं।

करण:- हां।

नैरेटर:- उसके बाद वे सभी कमल, करमजीत, शुगर को होश में लाने का प्रयास करते हैं।

बुलबुल:- अरे यह लोग तो उठी नहीं रहे हैं। अब हम क्या करेंगे? सितारा तुम अपने जादू का प्रयोग करके देखो।

सितारा:- हां ठीक है बुलबुल। “सितारा है मेरा नाम जादू करना है मेरा काम।”

कुश:- अरे इस बार भी कुछ नहीं हुआ।

टॉबी:- अरे कुश एक बार में थोड़ी होता है। कोई बात नहीं सितारा तुम दोबारा कोशिश करो।

सितारा:- तुम….

करण:- कोई बात नहीं सितारा तुम दोबारा कोशिश करो।

नैरेटर:- इस तरह सितारा कई बार कोशिश करता है परंतु उसके जादू का कोई असर नहीं होता।

करण:- नहीं करण इन पर मेरे जादू का कोई असर नहीं हो रहा है। मैं भी इसमें कुछ नहीं कर सकता।

कुश:- हे भगवान अब क्या होगा। हम सब को कैसे बचाएंगे, कहीं इन्हें कुछ हो तो नहीं गया।

करण:- रुको मेरे पास नागराज महाराज की देवी नागमणि है। शायद उससे बात बन जाए। उसने हमारा हर मुसीबत में साथ दिया है।

बुलबुल:- हां करण तुम कोशिश करो।

नैरेटर:- उसके बाद करण एक-एक करके सभी के सिर पर उस नागमणि को छूता है (और उससे एक तेज रोशनी प्रज्वलित होती है) जिसके बाद सभी धीरे-धीरे होश में आ जाते हैं।

शुगर:- मैं कहां हूं?

टॉबी:- शुगर तुम ठीक तो होना।

शुगर:- हां शायद…

करमजीत:-(तलवार को अपने हाथ में लेकर इधर-उधर ढूंढते हुए) वो शैतान कहां गया?

करण:- करमजीत आराम से अभी वह यहां पर नहीं है।

कमल:- कहां पर है वो।

बुलबुल:- पता नहीं उसने हमें रस्सियों से बांध दिया था और अब वह कहां गायब हो गया है।

नैरेटर:- तभी वहां पर वे दोनों राक्षस आ जाते हैं।

राक्षस 1:- अरे तुम सब यहां पर कैसे आए?

राक्षस 3:- हां तुम सब यहां पर क्या करने आए थे? तुम्हारी इतनी हिम्मत कि तुमने हमारे कक्षा में आने की जुरर्त की।

करण:- हम यहां पर तुम्हारे बुरे इरादों को नाकाम करने आए हैं।

राक्षस 3:- हा हा बच्चों तुम सब बहुत अच्छा मजाक कर लेते हो। अब तो तुम हमारा कुछ भी नहीं बिगाड़ सकते।

करमजीत:- इतना ही है तो हमसे मुकाबला करके देखो।

राक्षस 3:- हम तुम्हारी जल्दी मरने की इच्छा अवश्य पूरी करेंगे।

नैरेटर:- उसके बाद करण और उसके दोस्त उन दोनों राक्षसों से तलवार की सहायता से युद्ध करने लगते हैं।

राक्षस 1:- इस बार मैं तुम्हें इतनी आसानी से नहीं जाने दूंगा। मैं तुम सबको खत्म करके रहूंगा।

करमजीत:- वो तो देखते हैं कि इस बार खत्म करने का वक्त किसका है।

नैरेटर:- जब उन सभी के बीच युद्ध चल रहा था तभी वह शैतान वहां पर हाजिर हो जाता है।
(उसे वहां पर देखकर दोनों शैतान अपना सिर झुकाकर उसे प्रणाम करते हैं।)

राक्षस 3 और राक्षस 1:- (एक साथ बोलते हैं) प्रणाम मालिक।

शैतान:- तुम दोनों ने अपनी आज की पूजा समय पर नहीं कि तुम्हारी इतनी जुरर्त की तुमने मेरे आदेश का पालन नहीं किया। तुम्हें पता है अब जल्दी ही सुबह होने वाली है।

राक्षस 3:- हमें क्षमा कर दीजिए मालिक हम तो बाहर सामग्रियां लेने गए थे और जब हम वापस आए तो यह बच्चे हमारे कक्ष में आ चुके थे।

राक्षस 1:- हां मालिक कृपया करके हमें क्षमा कर दीजिए।

शैतान:- ठीक है तुम चिंता मत करो इन बच्चों को मैं अभी ठिकाने लगाता हूं पर अब मैं इन पर कोई तरस नहीं खाने वाला। आज रात पूर्णिमा की रात होने वाली है इसलिए तुम अपना कार्य शुरू करो।

राक्षस 3 और राक्षस 1:- (एक साथ बोलते हैं) जी मालिक।

नैरेटर:- उसके बाद वह शैतान अपनी जादुई शक्तियों से करण और उसके सभी दोस्तों पर एक साथ हमला कर देता है।

बुलबुल:- आआआआआ……..

करण:- बंद……. करो………

करमजीत:- नहीं……….

नैरेटर:- उसके बाद करण और उसके सभी दोस्त वहां पर चुपचाप बैठ जाते हैं और राक्षसों की पूजा होते हुए देखते हैं।

शैतान:- हा हा हा… अब यह सब कभी भी कुछ नहीं कर पाएंगे‌। मैं जल्दी ही इनके शरीर पर कब्जा कर लूंगा। हा हा हा….

नैरेटर:- क्या करण और उसके दोस्त खुद भी इस मुसीबत से निकल पाएंगे और वे राक्षसों के महाराज को बचा पाएंगे। यह सब जानने के लिए बने रहियेगा तिलिस्मी कहानी के अगले एपिसोड तक।

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