93 – कैद में करन | Qaid mein Karan | Tilismi Kahaniya | Moral Stories
नैरेटर:- पिछले एपिसोड में आप ने देखा था कि करण और उसके दोस्त सभी एक नदी में राक्षसों के महल में पहुंच गए थे। वहां पर उन्होंने देखा था कि महल के दो राक्षस काले जादू की सहायता से वहां के महाराज को मारना चाहते हैं और खुद वहां का साम्राज्य हडपना चाहते हैं। उसके बाद करण और उसके सभी दोस्त मिलकर महाराज को सच बताने उनके कक्ष में चले गए थे परंतु महाराज उनकी किसी भी बात पर विश्वास नहीं करते।
नैरेटर:- उसके बाद महाराज बेहोश हो जाते हैं।
करण:- महाराज…
(एक राक्षस जाकर महाराज को चेक करता है कि वह ठीक है या नहीं)
पहरेदार राक्षस 1:- तुम सब कौन हो और हमारे महाराज को क्या हुआ है? आखिर तुमने क्या किया है हमारे महाराज के साथ? तुम्हारी महाराज के कक्ष में आने की हिम्मत भी कैसे हुई?
सितारा:- अरे अरे आराम से हम इतने सारे प्रश्नों का एक साथ उत्तर कैसे देंगे। आप हमसे एक-एक करके प्रश्न पूछिए। फिर हम आराम से उनका जवाब देंगे।
पहरेदार राक्षस 1:- मूर्ख बच्चे तुम्हारी इतनी हिम्मत कि तुम ऐसी परिस्थिति में भी हमसे मजाक कर रहे हो। एक तो तुम सब ने हमारे महाराज के कक्ष में प्रवेश करके उनको मारने का प्रयास किया है।
बुलबुल:- नहीं नहीं हमने महाराज को कुछ नहीं किया है।
अन्य राक्षस:- महाराज बेहोश हो गए हैं, हमें उन्हें उनकी दवा देनी होगी।
पहरेदार राक्षस 1:- ठीक है तुम महाराज का ध्यान रखो तब तक हम इन्हें देखते हैं।
पहरेदार राक्षस 2:- जरूर इन्हीं ने कुछ किया होगा, इनकी वजह से ही हमारे महाराज बेहोश हुए हैं।
करण:- नहीं ऐसा नहीं है हमने कुछ भी गलत नहीं किया है हम तो यहां पर महाराज जी की सहायता करने आए थे।
करमजीत:- हां हम सब सच कह रहे हैं हमारी बात पर विश्वास कीजिए।
पहरेदार राक्षस 1:- अगर तुम सब यहां पर महाराज की सहायता करने आए थे तो तुम इस तरह छुपके से उनके कक्ष में प्रवेश नहीं करते। तुमने जो किया है तुम्हें उसका दंड अवश्य मिलेगा।
बुलबुल:- नहीं हम सब सच कह रहे हैं कृपया हमारी बात पर विश्वास कीजिए।
टॉबी:- हां आपके महल में दो बहुत ही बुरे राक्षस है, जो की महाराज को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। हम तो बल्कि यहां पर महाराज की सहायता करने आए थे।
पहरेदार राक्षस 1:- क्या कहा हमारे ही महल में कोई महाराज को नुकसान पहुंचाना चाहता है। भला ऐसे कैसे हो सकता है कि हमें हमारे ही लोगों से खतरा हो और तुम जैसे अनजान हमारी सहायता कर रहे हो। यह तो बिल्कुल नामुमकिन है।
टॉबी:- नहीं यह मुमकिन है और हमारी बात पर विश्वास कीजिए। हम बिल्कुल सच कह रहे हैं और महाराज ने भी हमारी बातों पर विश्वास नहीं किया। परंतु आप हमारा विश्वास कीजिए।
पहरेदार राक्षस 1:- नहीं अगर हमारे महाराज को भी आप पर यकीन नहीं है तो हमें भी नहीं है क्योंकि हमारे महाराज कभी गलत नहीं हो सकते। जरूर यह सब तुम्हारी कोई चाल है। सैनिको इन्हें बंदी बना लो।
नैरेटर:- उसके बाद वे राक्षस करण और उसके दोस्तों को फिर से कारागार में डाल देते हैं। फिर वे राक्षस सभी को जंजीरों से बांध देते हैं।
पहरेदार राक्षस 1:- तुम सभी शुक्र मनाओ कि हमारे महाराज को कुछ नहीं हुआ है इसलिए हम तुम्हें सिर्फ कारागार में ही बंद कर रहे हैं। अगर हमारे महाराज को कुछ भी होता तो हम तुम्हें मृत्युदंड दे देते।
पहरेदार राक्षस 2:- हां जब महाराज को होश आएगा तब वो ही तुम्हें दंड देंगे।
नैरेटर:- इतना कहकर वो दोनों राक्षस वहां से चले जाते हैं।
शुगर:- दोस्तों अब हम सब क्या करेंगे? यहां पर कोई भी हमारी बात पर विश्वास नहीं कर रहा है।
टॉबी:- तुम चिंता मत करो शुगर हम कोई न कोई रास्ता अवश्य निकाल लेंगे।
कुश:- ऊपर से अब इन्होंने हमें इतनी मोटी जंजीरों से बांध दिया है। सितारा कुछ तो करो।
करण:- दोस्तों अब हमें ही कुछ करना होगा महाराज के प्राण खतरे में है। हमें उनकी रक्षा करनी होगी।
बुलबुल:- तुमने बिलकुल सही कहा करण। हम ऐसा क्या करें कि उन दोनों राक्षसों का सच सबके सामने ला सके।
करमजीत:- सितारा तुम फिर से हमें अपना जादू की सहायता से इस कारागार से बाहर निकालो।
सितारा:- अगर हम अपने जादू की सहायता से फिर से इस कारागार से बाहर निकल जाएंगे और उन्होंने हमें देख लिया तो इस बार शायद वो हमें छोड़ेंगे नहीं।
नैरेटर:- जब सभी आपस में बात कर रहे थे तभी वहां पर वो दोनों राक्षस आ जाते हैं, जिन्हें सभी ने काला जादू करते हुए देखा था।
राक्षस 1:- हा हा हा.. तुम सबको क्या लगा तुम सब इतनी आसानी से यहां से बच कर चले जाओगे और महाराज तुम्हारी बातों पर विश्वास कर लेंगे।
राक्षस 3:- तुमने सही कहा मित्र। ये सभी बच्चे तो बहुत ही नादान है। इन्हें लगा यह हमें हरा पाएंगे परंतु देखो अब इनकी दशा पहले से भी खराब हो चुकी है।
करण:- तुम दोनों जो कुछ भी कर रहे हो बहुत गलत कर रहे हो। तुम्हें तुम्हारे किए की सजा अवश्य मिलेगी।
सितारा:- हां हम तुम दोनों को छोड़ेंगे नहीं।
राक्षस 3:- अरे अरे देखो तो कौन बोल रहा है। हा हा हा… हमें सजा दिलवाने से पहले तुम स्वयं का ख्याल करो। यहां पर कोई भी तुम्हारी बातों पर विश्वास नहीं करने वाला और जब तक तुम कुछ करोगे तब तक हम अपने कार्य में सफल हो चुके होंगे। क्योंकि कल पूर्णिमा है और हम कल अपने काम को अंजाम देने वाले हैं। कल के दिन हमारी शक्तियां पहले से भी ज्यादा बढ़ जाएंगी।
राक्षस 1:- हां कल पूर्णिमा की रात को हमारा कोई कुछ भी नहीं बिगाड़ पाएगा। एक बार हम पहले महाराज को ठिकाने लगा दे। उसके बाद हम तुम सबको मृत्युदंड देंगे। अब हम दोनों चलते हैं हमें कुछ जरूरी सामग्रियां भी लेकर आनी है।
राक्षस 3:- हां चलो।
नैरेटर:- उसके बाद वो दोनों राक्षस वहां से चले जाते हैं।
कुश:- करण आखिर अब हम क्या करेंगे? हमारे पास तो अब ज्यादा समय भी नहीं बचा है। कल पूर्णिमा है और कल तो यह दोनों राक्षस अपने कार्य में सफल हो जाएंगे।
कमल:- हां अगर कल पूर्णिमा वाले दिन इन दोनों ने अपनी पूजा सफल कर ली तो यह इतने ज्यादा शक्तिशाली हो जाएंगे कि हम इन्हें नहीं हरा पाएंगे।
करमजीत:- हां करण और कल इन दोनों की शक्तियां बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी। तब हम इनका मुकाबला कैसे करेंगे। हमें जो कुछ भी करना होगा आज ही करना होगा।
करण:- हां हम महाराज की सुरक्षा अवश्य करेंगे।
बुलबुल:- हां क्या हुआ अगर महाराज हमारी बातों पर विश्वास नहीं कर रहे। वैसे भी महाराज बहुत ज्यादा कमजोर हो गए हैं इसीलिए हमें ही उनकी सुरक्षा करनी होगी।
करण:- सितारा तुम अपने जादू की सहायता से हमें इस कारागार से बाहर निकालो।
सितारा:- ठीक है करण।(चुटकी बजाते हुए) “सितारा है मेरा नाम जादू करना है मेरा काम।”
टॉबी:- ये क्या सितारा तुम्हारे जादू से तो कुछ भी नहीं हुआ।
सितारा:- टॉबी तुम भी हर वक्त मुझे ताने मारते रहते हो। क्या तुम थोड़ी देर चुप रहकर शांति से इंतजार नहीं कर सकते। तुम्हें पता है ना कि मेरे जादू में एक दो बार गड़बड़ हो जाती है। पर तुम्हें तो बस मौका चाहिए दूसरों को परेशान करने का।
टॉबी:- क्या कहा मैं बस दूसरों को परेशान करता हूं?
बुलबुल और शुगर:-( बुलबुल अपने सिर पर हाथ रखते हुए और दोनों सिर को ना में हिलाते हुए कहते हैं) फिर से नहीं।
कमल:- हहह.. दोनों में कुछ ज्यादा ही गहरी दोस्ती है।
करण:- टॉबी अब बस भी करो।
टॉबी:- पर करण मैंने तो कुछ भी नहीं कहा सब सितारा ने हीं शुरू किया था।
करण:- देखो टॉबी हम यहां पर बहुत जरूरी काम करने आए हैं। हमें पहले उन राक्षसों से महाराज को बचाना है। उसके बाद हमें लव को भी बचाना है इसीलिए हम सबको एक साथ मिलजुल कर इन मुसीबतों का सामना करना चाहिए।
कुश:- (रोते हुए) तुमने सही कहा मेरा भाई पता नहीं क्या कर रहा होगा और वो कैसा होगा।
करमजीत:- तुम चिंता मत करो कुश हम सब तुम्हारे साथ हैं ना और हम यहां पर लव को बचाने ही तो आए हैं हम उसे जल्दी ही बचा लेंगे।
शुगर:- हां कुश तुम इस तरह हिम्मत मत हारो और रोना बंद करो। तुम देख लेना लव कुछ ही समय में हमारे साथ होगा।
करण:- हां कुश हम सब है ना।
कुश:- हां दोस्तों अब मैं नहीं रोऊंगा।
करण:- सितारा तुम दोबारा प्रयास करो।
सितारा:- हां करण। “सितारा है मेरा नाम जादू करना है मेरा काम।”
नैरेटर:- उसके बाद वो सभी कारागार से बाहर आ जाते हैं।
बुलबुल:- अब हमें उन राक्षसों को ढूंढना होगा।
शुगर:- पर हम उन्हें ढूंढेंगे कहां पर? हमें तो पता ही नहीं है कि वो दोनों राक्षस कहां पर हैं।
टॉबी:- तुमने बिलकुल सही कहा शुगर। वैसे भी तुम तो हमेशा ही सही कहती हो।
शुगर:- अब बस भी करो तुम टॉबी।
कमल:- मुझे लगता है कि हम यहां से बाहर जाकर तो उन राक्षसों को ढूंढ नहीं पाएंगे। इसीलिए हमें यहीं पर उनकी प्रतीक्षा करनी चाहिए और जब वे वापस आएंगे तब हम उनका सामना करेंगे।
बुलबुल:- हां यही ठीक रहेगा क्योंकि हमारे पास कोई दूसरा चारा भी तो नहीं है।
करण:- हमें कोई अच्छी सी योजना बनानी होगी। ताकि हम उन राक्षसों का मुकाबला करने में समर्थ रहे। क्योंकि अगर हम गलती से भी उन राक्षसों के चंगुल में फंस गए तो हमारा बच पाना मुश्किल हो जाएगा।
टॉबी:- हां, हम फिर महाराज को भी नहीं बचा सकेंगे।
करमजीत:- हां हमें कल पूर्णिमा की रात आने से पहले उन राक्षसों को खत्म करना होगा।
सितारा:- दोस्तों क्यों ना हम सभी उन दोनों राक्षसों के कमरे में जाकर थोड़ी छानबीन करें।
टॉबी:- उससे क्या होगा?
सितारा:- क्या पता उसके बाद हमें उन राक्षसों के बारे में कुछ पता चल जाए।
करण:- हां तुमने सही कहा तब तक हम उनके बारे में कुछ पता लगाने का प्रयास करते हैं।
बुलबुल:- हां क्या पता हमें उनकी किसी कमजोरी के बारे में ही पता चल जाए।
करमजीत:- हां चलो।
नैरेटर:- उसके बाद करण और उसके सभी दोस्त उस कमरे में पहुंच जाते हैं जहां पर वो दोनों राक्षस उस दिन काला जादू कर रहे थे।
कमल:- आप सभी ध्यान से छानबीन करना हमें किसी भी गलत चीज को छूना नहीं है क्योंकि यह हमारे लिए खतरनाक हो सकता है। वह दोनों राक्षस काले जादू की सहायता से गलत कार्य कर रहे हैं और अगर हमने गलती से किसी चीज को भी छू लिया तो कुछ भी गड़बड़ हो सकती है।
करण:- हां दोस्तों हम सभी को सावधान रहना होगा।
नैरेटर:- उसके बाद सभी वहां पर छानबीन करने लगते हैं।
कुश:- आआआआआ…
बुलबुल:- क्या हुआ कुश तुम इस तरह क्यों चिल्ला रहे हो?
करमजीत:- हां कुश क्या बात है?
कुश:- वो..वो देखो… वहां पर।
टॉबी:- ऐसा क्या है भला वहां पर जो तुम देख कर इतना डर रहे हो?
(उसके बाद टॉबी भी वहां पर देखता है और उसे देखकर बहुत ज्यादा डर जाता है फिर वो भी चिल्लाने लग जाता है।)
बुलबुल:- यह तो बहुत ही खौफनाक है।
सितारा:- आखिर ये दोनों राक्षस इन सब का क्या करते हैं।
कमल:- इन्हीं की सहायता से वो महाराज के ऊपर काला जादू करते हैं और महाराज दिन-ब-दिन कमजोर होते जा रहे हैं।
करण:- पर हम सब इसे नहीं छोड़ सकते।
टॉबी:- पर क्यों करण?
कमल:- क्योंकि वह राक्षस कुछ तंत्र-मंत्र विद्याओं का उपयोग करते हैं और ये सभी उन तंत्र विदयाओं से बंधी हुई है। अगर हम इन्हें छोड़ेंगे तो कुछ भी गलत हो सकता है।
नैरेटर:- तभी वहां पर बहुत जोरदार आवाज आती है और बहुत तेज हलचल होने लगती है। जिसकी वजह से सभी गिर जाते हैं।
शुगर:- अब यह सब क्या हो रहा है?
करण:- पता नहीं दोस्तों लेकिन तुम सब अपना ध्यान रखना।
नैरेटर:- करण और उसके दोस्तों ने आखिर में ऐसा क्या देखा जिसे देखकर वो सभी बहुत ज्यादा डर गए और जो हलचल हो रही थी वह क्यों हो रही थी। क्या करण और उसके सभी दोस्त उन राक्षसों का सामना कर पाएंगे और महाराज को उनके चंगुल से बचा पाएंगे। यह सब जानने के लिए बने रहिएगा तिलिस्मी कहानी के अगले एपिसोड तक।