Homeतिलिस्मी कहानियाँ90 – आग से मुक़ाबला | Aag se Mukabla | Tilismi Kahaniya | Moral Stories

90 – आग से मुक़ाबला | Aag se Mukabla | Tilismi Kahaniya | Moral Stories

नैरेटर:- पिछले एपिसोड में आप ने देखा था कि लव सितारा के साथ अपने भविष्य स्वरूप को देखने चला गया था। जहां पर लव को उसका भविष्य स्वरूप देख लेता है। ‌ परंतु वह यह बात सितारा तथा अपने बाकी मित्रों से छुपा कर रखता है।

नैरेटर:- जब अगली सुबह सभी सोकर उठते हैं तब उन्हें लव पूरे घर में कहीं भी नजर नहीं आता। वें उसे हर जगह ढूंढने का प्रयास करते हैं परंतु वे इसमें नाकामयाब होते हैं।

टॉबी:- करण हमने लव को हर जगह ढूंढ लिया है परंतु वह हमें कहीं भी नहीं मिल रहा है।

कुश:- हां सुबह-सुबह पता नहीं यह लव कहां चला गया।

करण:- जरूर कुछ तो गड़बड़ है लव इस तरह हमें कुछ भी बिना बताए अकेले कहीं नहीं जा सकता। ‌

करमजीत:- आखिर यह लव कहां चला गया हमें आज वापस अपने समय में भी तो जाना है। ‌

बुलबुल:- मुझे तो कल से ही कुछ गड़बड़ लग रही थी जरूर लव हमसे कुछ तो छुपा रहा था। ‌ रुको कल तुम भी तो लव के साथ गए थे सितारा, तो तुम्हें जरूर कुछ तो पता होगा… है ना?

सितारा:- (घबराते हुए) अरे तुम सब मुझे ऐसे क्यों देख रहे हो?

सुनीता:- सितारा पुत्तर अगर तुसी कुछ वी जानते हो ना तो तुसी सव सच बता दो पुत्तर। कद्दू काट के।

तेजिंद्र सिंह:- हंजी जो वी गल ऐ तुसी सच बताओ।

करण:- सितारा….. कल तुम और लव कहां गए थे?

सितारा:- ……..

करण:- सितारा हमें सब सच बताओ।

सितारा:- (जल्दी से) हम कल लव के भविष्य वाले घर के पास गए थे।

बुलबुल:- क्या कहा तुमने?

करण:- सितारा क्या सच में तुम वहां गए थे?

सितारा:- हां करण।

शुगर:- परंतु बाबा ने हमें ऐसा करने के लिए मना किया था उसके बावजूद तुम लोग वहां चले गए।

बुलबुल:- मैंने कहा था ना की दाल में कुछ तो काला है।

टोबी:- परंतु बुलबुल यहां तो पूरी दाल ही काली निकली।

करण:- क्या वहां पर कुछ गड़बड़ हुई थी? क्या लव का उसके भविष्य स्वरूप के साथ आमना-सामना हुआ था?

सितारा:- नहीं नहीं करण वहां पर कुछ गड़बड़ नहीं हुई थी। हमने इस बात का बहुत ध्यान रखा था कि हमारी वजह से कोई मुसीबत नहीं होनी चाहिए और लव ही वहां पर जाने की जिद कर रहा था। ‌ मैंने उसे मना भी किया था कि हमें ऐसा नहीं करना चाहिए परंतु वह नहीं माना।

टोबी:- शुक्र है कि कुछ नहीं हुआ।

कुश:- परंतु मेरा भाई लव कहां चला गया।

बुलबुल:- सितारा अगर लव इतनी ही जिद कर रहा था तो तुम्हें हमें पहले ही आकर सब सच बता देना चाहिए था। तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। तुम लोग हम सबसे झूठ बोलकर इस तरह चले गए जो की बहुत ही ज्यादा गलत बात है।

सुनीता:- हां जी पुत्तर बुलबुल बिल्कुल सही कह रही ऐ जी।

करमजीत:- हमें अब लव को ढूंढना होगा वह पता नहीं कहां चला गया।

नैरेटर:- तभी वहां पर बाबा आ जाते हैं।

बाबा:- लव को ढूंढने का कोई फायदा नहीं। वह अब कभी वापस नहीं आ सकेगा।

(सभी हैरानी में)

करण:- बाबा आप ऐसा क्यों कह रहे है लव को क्या हुआ है?

कुश:- (रोते हुए) क्या कहा मेरा भाई कभी वापस नहीं आएगा।

बुलबुल:- हां बाबा क्या बात है?

बाबा:- लव का उसके भविष्य स्वरूप से आमना सामना हो चुका है।

सभी एक साथ:-(कहते हैं) क्या कहा…?

बाबा:- हां यह बिल्कुल सच है।

बुलबुल:- सितारा तुमने हमसे झूठ क्यों कहा?

सितारा:- बुलबुल मैंने कोई झूठ नहीं कहा है, मुझे भी इस बारे में कुछ नहीं पता।

टोबी:- क्या तुम कल पूरा समय लव के साथ नहीं थे?

सितारा:- नहीं मैं तो कल पूरा दिन लव के साथ ही था।… हां.. याद आया, हमें बहुत जोरों से भूख लगी थी इसलिए मैं हमारे खाने के लिए कुछ फल लेने गया था। उसके बाद जब मैं वापस आया तो लव काफी घबराया हुआ था। तब उसने मुझसे जल्दी से वहां से चलने को कहा। परंतु मुझे सच में इस बारे में कुछ भी नहीं पता।

टोबी:- इसका मतलब लव ने हीं हमसे यह बात छुपाई। हे भगवान अब क्या होगा इसका मतलब हम कभी भी अपने समय में वापस नहीं जा पाएंगे। हमें यहां पर बुढ़ा बनकर ही जीवन व्यतीत करना होगा, हमारे जीवन के कीमती पांच वर्ष चुटकियों में ही खत्म हो गए। नहीं…

शुगर:- तुम थोड़ी देर चुप करो टोबी।

बुलबुल:- बाबा क्या यह सच है कि अब हम अपने समय में वापस नहीं जा पाएंगे।

बाबा:- हां पुत्री यह बिल्कुल सत्य है।

शुगर:- हे भगवान अब हम क्या करेंगे, हम यहां पर इस तरह अपना पूरा जीवन कैसे व्यतीत कर सकते हैं।

सुनीता:- ओए ऐ तो वहोत ही वड्ड़ी मुसीबत हो गई ऐ जी। कद्दू काट के।

करण:- परंतु बाबा इसका कोई तो उपाय होगा और क्या लव के गायब होने के पीछे भी कोई रहस्य है।

बाबा:- हां वह समय के चक्रव्यूह में फस गया है। अब वह इस चक्रव्यूह से खुद बाहर नहीं आ सकता। मैं इसमें तुम्हारी कोई सहायता नहीं कर सकता।

करमजीत:- परंतु बाबा कोई तो रास्ता होगा जिसकी सहायता से हम लव को बचा सकते हैं और साथ ही हम अपने समय में वापस जा सकते हैं।

कुश:- हां बाबा कृपया करके हमारे सहायता कीजिए,‌ आप मेरे भाई को बचा लीजिए। ‌

बाबा:- इसमें तुम्हारी सहायता केवल एक ही व्यक्ति कर सकता है। अगर उन्होंने तुम्हारी सहायता की तभी तुम वापस जा सकोगे वरना कोई ओर तुम्हें इस परीस्थिति से नहीं बचा सकता।

करण:- बाबा वह व्यक्ति कौन है? हम अभी ही उनके पास चले जाएंगे।

बाबा:- करण पुत्र वह व्यक्ति मेरे गुरुजी हैं। परंतु उन तक पहुंचना कोई आसान कार्य नहीं होगा। वह तुम्हारी आसानी से सहायता नहीं करेंगे तुम्हें उन्हें अपनी बुद्धिमत्ता तथा बहादुरी से प्रसन्न करना होगा।

करण:- बाबा आप हमें बताइए कि आपके गुरु जी हमें कहां मिलेंगे? हम कुछ भी करने के लिए तैयार हैं।

बाबा:- तुम्हें अरावली पर्वत पर जाना होगा। वहां तक पहुंचने के लिए तुम्हें बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। ध्यान रहे यह कार्य तुम्हारे लिए बिल्कुल भी आसान नहीं होने वाला है।

करण:- बाबा आप चिंता मत कीजिए हम अपने मित्र को बचाने के लिए कुछ भी करेंगे। हम कल ही अपनी यात्रा आरंभ कर देंगे।

कुश:- हां करण हम सुबह जल्दी ही अपनी यात्रा आरंभ कर देंगे। पता नहीं मेरा भाई कैसा होगा मुझे तो बहुत चिंता हो रही है। ‌

टोबी:- कुश तुम चिंता मत करो हम सभी लव को बचा लेंगे।

बुलबुल:- हां कुश।

सुनीता:- अजी पुत्तर हम सवी कल चलेंगे और लव पुत्तर को जरूर बचा कर लायेंगे। कद्दू काट के।

तेजिंद्र सिंह:- हां जी पुत्तर।

करण:- सुनीता जी, पाजी आप दोनों ने हमारी बहुत सहायता की है और हमारी वजह से बहुत सारी मुसीबत का सामना भी किया है। इसीलिए आप दोनों यहीं पर रुक कर हमारा इंतजार करना।

तेजिंद्र सिंह:- ओए ना जी पुत्तर हम तोहनू अकेले नी जान देंगे।

सुनीता:- अजी बिल्कुल सही कह रहे हो जी तुसी। पुत्तर हमारे होते हुए तुम्हें अकेले जाने की जरूरत नहीं।

करण:- नहीं पाजी आप यहीं पर रुकना हम सभी जल्दी ही वापस आ जाएंगे।

बुलबुल:- पाजी करण बिल्कुल सही कह रहा है आपने पहले ही हमारी बहुत सहायता की है और इस बार हमारे साथ सितारा है तो ज्यादा चिंता की भी कोई बात नहीं है।

सितारा खुश होते हुए

सितारा:- हां मैं सभी का बहुत अच्छे से ध्यान रखूंगा।

नैरेटर:- तेजिंद्र सिंह और सुनीता बाकी सभी के साथ जाने की जिद करने लगते हैं पर सभी उन्हें साथ जाने से मना कर देते हैं। उसके बाद रात हो जाती है और सभी सो जाते हैं।

(अगली सुबह)

सुनीता:- अजी पुत्तर तुम सभी अपना ध्यान रखना।

करण:- जी सुनीता जी हम अपना ध्यान रखेंगे।

तेजिंद्र सिंह:- हां जी पुत्तर तुम सब ध्यान से जाना।

नैरेटर:- उसके बाद सभी बाबा का आशीर्वाद लेते हैं और सबसे अलविदा कहकर वहां से अपनी यात्रा पर निकल पड़ते हैं। उसके बाद वे सभी एक जंगल में पहुंच जाते हैं।

बुलबुल:- पता नहीं लव कैसा होगा। उसे ऐसा नहीं करना चाहिए था।

सितारा:- मुझे नहीं पता था कि सच में इतनी बड़ी गड़बड़ हो जाएगी वरना मैं ऐसा कभी नहीं करता। मुझे क्षमा करना दोस्तों।

टोबी:- कोई बात नहीं सितारा इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है।

करमजीत:- हां सितारा तुम ज्यादा मत सोचो।

नैरेटर:- उसके बाद वे सभी चलते-चलते एक बड़े से गड्ढे में गिर जाते हैं।

बुलबुल:- अरे यह क्या हुआ इतना बड़ा गड्ढा यहां पर कैसे आया।

शुगर:- अब हम यहां से बाहर कैसे निकालेंगे।

करमजीत:- सितारा तुम अपने जादू की सहायता से हमें यहां से बाहर निकालने का प्रयास करों।

सितारा:- हां मैं अभी करता हूं। “सितारा है मेरा नाम, जादू करना है मेरा काम!”

टोबी:- अरे कुछ भी नहीं हुआ।‌

सितारा:- मेरा जादू काम क्यों नहीं कर रहा है।

करण:- सितारा दोबारा कोशिश करो।

सितारा:- हां… “सितारा है मेरा नाम, जादू करना है मेरा काम!” फिर से कुछ भी नहीं हुआ।

शुगर:- अब हम यहां से बाहर कैसे निकलेंगे। यहां पर तो सितारा का जादू भी काम नहीं कर रहा है।

नैरेटर:- उसके बाद वहां पर एक बड़ा सा राक्षस आ जाता है।

राक्षस:- तुम सबकी मेरे इलाके में आने की हिम्मत कैसे हुई।

टोबी:- राक्षस जी हमें नहीं पता था कि यह आपका इलाका है। हम तो एक बहुत जरूरी काम के लिए जा रहे थे।

बुलबुल:- हां हमें बहुत जरूरी काम है कृपया हमें यहां से जाने दीजिए।

राक्षस:- हा हा हा… अब तुम यहां से नहीं जा सकते।

टोबी:- परंतु क्यों??

राक्षस:- क्योंकि मैं तुम सबको मार कर खा जाऊंगा।

टोबी:- नहीं कृपया करके हमें जाने दो।

नैरेटर:- इतना कहकर वह राक्षस वहां से चला जाता है।

करमजीत:- अब हम क्या करें, हम यहां से बाहर कैसे निकालेंगे?

करण:- क्यों ना हम अपनी सहायता के लिए नागराज जी को बुलाएं। ‌

बुलबुल:- हां हां करण अब वही हमारी सहायता कर सकते हैं।

सितारा:- नागराज… हमम.. यह नाम कुछ सुना सुना सा लग रहा है।

बुलबुल:- हां जब हम नागराज जी से पहली बार मिले थे तब उन्होंने तुम्हारा नाम सुनते ही हमें वहां से जाने दिया था।

शुगर:- हां उससे पहले तो वह हमारी किसी भी बात पर यकीन नहीं कर रहे थे।

सितारा:- हां मैंने यह नाम सुना है परंतु मुझे कुछ अच्छे से याद क्यों नहीं आ रहा है।

नैरेटर:- उसके बाद वे सभी अपनी आंखें बंद करके नागराज को बुलाते हैं।

नागराज:- आप सब ने मुझे याद किया।

करण:- हां नागराज जी हम यहां पर फंस गए हैं।‌ ना तो यहां पर हमारा जादू कम कर रहा है और ना ही हम यहां से बाहर निकल पा रहे है।

नागराज:- चिंता मत करो अब मैं यहां पर तुम्हारी सहायता के लिए आ गया हूं।

नैरेटर:- तब नागराज अपनी जादुई शक्तियों की सहायता से सबको गड्ढे से बाहर निकाल देता है।

बुलबुल:- आपका बहुत-बहुत शुक्रिया।

सितारा:- नागराज…

नागराज:- सितारा…
(सितारा खुश होते हुए नागराज के गले मिलता है।)

नागराज:- क्या तुम अब ठीक हो?

सितारा:- हां मैं अब बिल्कुल ठीक हूं।

(तभी वहां पर राक्षस वापस आ जाता है।)

राक्षस:- तुम सब बाहर आ गए…

कुश:- हां अब तु हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता।

राक्षस:- हा हा… मैं अभी तुम सबको सबक सिखाता हूं।

(वह राक्षस सभी की तरफ आग के गोले फैंकने लगता है। अब नागराज अपनी शक्तियों की सहायता से एक कवच बना लेता है।)

नागराज:- हमें जल्दी ही कुछ करना होगा मैं ज्यादा देर तक इसे नहीं रोक सकता।

राक्षस:- हा हा… तुम मुझसे नहीं बच सकते।

(उसके बाद बिल्कुल उस राक्षस जैसे बहुत सारे राक्षस उत्पन्न हो जाते हैं।)

‌बुलबुल:- अब हम इतने सारे राक्षसों का सामना कैसे करेंगे।

करण:- घबराओ नहीं बुलबुल बस डटकर इसका मुकाबला करो।
(उसके बाद सभी राक्षसों से तलवार से लड़ने लग जाते हैं।)

नैरेटर:- क्या करण और उसके सभी दोस्त लव को समय के चक्रव्यूह से बचा पाएंगे। क्या वे सभी इस राक्षस का वध कर सकेंगे? यह सब जानने के लिए बने रहियेगा तीलीस्मी कहानी के अगले एपिसोड तक।

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