गुरु जी द्वारा भाई भगतू के पुत्र गौरे को बक्शना – साखी श्री गुरु हरिराय जी
भाई भगतू का पुत्र गौरा जो की बठिंडे का राजा था गुरु हरि राय जी के आने की खबर सुनकर उनके पास पहुँचा उसने एक अच्छा घोड़ा और पांच सौ रुपये भेंट करकर गुरु जी को माथा टेका| गुरु जी ने गौरे से पूछा जिस लड़की से भाई भगतू ने अपनी मृत्यु से पहले वचन के द्वारा ही शादी की थी उसका क्या हाल है|
“गुरु जी द्वारा भाई भगतू के पुत्र गौरे को बक्शना – साखी श्री गुरु हरिराय जी” सुनने के लिए Play Button क्लिक करें | Listen Audio
गौरे ने कहा महाराज! हमारी धर्म माता खुश है| गौरे की यह बात सुनकर गुरु जी के चौरी बरदार भाई जस्से ने हँसी में कहा वह स्त्री तो अभी जवान है| अप उसका मेरे साथ विवाह कर दो| यह बात सुनकर गौरे को गुस्सा आया और उसने अपने आदमियों से जस्से को गोली मारकर मरवा दिया|
जब इस बात का पाता गुरु जी को लगा तो गुरु जी ने सबसे कहा कि कोई हमे गौरा की सिफारिश ना करे और ना ही वह हमे मुहँ दिखाए| जब गौरा को गुरु जी की नाराज़गी का पाता लगा तो उसने डर कर प्रण किया कि जब तक वह गुरु जी को खुश नहीं करेगा तब तक घर वापिस नहीं जाएगा|
यह निश्चय करके गौर अपनी सेना सहित गुरु जी के पीछे लग गया और रात दिन भूल बक्शवाने के लिय मन में आराधना करने लगा| जब गुरु जी कीरतपुर वापिस चले गए तब गौरा भी कीरत पुर से बाहर आवास करके छे महीने बैठा रहा|
एक दिन गुरु जी अपने परिवार सहित कीरत पुर से सतलुज नदी से साथ साथ चाल रहे थे गुरु जी घोड़े पर सवार थे पीछे कुछ योद्धा भी थे| वहाँ गौरा भी अपने तीन सौ शूरवीरों के साथ चाल पड़ा|
उधर से लाहौर से एक नवाब कुछ सवार लेकर दिल्ली को जा रहा था| उसने डोले पर सामान जाता देखकर पूछा कि यह कौन जा रहा है| तो एक सिख ने बताया यह गुरु हरि राय जी के घर डोलियों पर सामान जा रहा है| मुस्लिम उमराव ने अपने साथियों से कहा कि सब कुछ लूट लो|
गुरु जी तो बहुत आगे आगे चल रहे थे| परन्तु गौरा पीछे पीछे आ रहा था| उसने जब देखा कि तुर्क सेना के आदमी गुरु जी का समान लूटने के लिए आगे आए हैं| तो उसने उनके साथ डट कर मुकाबला किया और सब को मार भगाया| गुरु जी का सामान सही सलामत पहुँच गया| इस बात का पता जब गुरु जी को लगा तो तो वह भूत प्रसन्न हुए| गुरु जी ने उसको माफ भी कर दिया| तब गुरु जी ने उसको आज्ञा दी कि बठिंडे जा कार अपना राज भोगो| गुरु घर तुम पर प्रसन्न है| ऐसी बात सुनकर और गुरु जी का आशीर्वाद लेकर लेकर गौरा बठिंडे को चल पड़ा|
Khalsa Store
Click the button below to view and buy over 4000 exciting ‘KHALSA’ products
4000+ Products