सरसा में पीरों के साथ तप करना – साखी श्री गुरु नानक देव जी
श्री गुरु नानक देव जी मुसलमान पीरों के प्रसिद्ध ठिकाने सरसे में पहुंचे| पीरों ने पूछा सन्त जी! तप करना अच्छा है कि नहीं? गुरु जी ने उत्तर दिया अगर मन विकारी है और शरीर के बल करके विकार करता हो तो शरीर को निर्बल करके मन को शुद्ध बनाने के लिए तप करना ठीक है|
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अगर मन और शरीर दोनों ही विकार रहित हो तो नाम स्मरण करना चाहिए, यह सबसे बड़ा तप है| पीरों ने गुरु जी से उनके साथ बैठकर ४० (40 दिन) तप करने को कहा ताकि हम भी देख सके आपके तप में कितनी शक्ति है? पीरों ने जौं के दाने व पानी का सेवन करके 40 दिन काटे| मगर गुरु जी निराहार नाम-सिमरण में बैठे रहे| 40 दिनों के पश्चात् पीरो के शरीर कमजोर व चेहरे मुरझाए हुए थे| मगर गुरु जी का शरीर पहले जैसा व चढ़दी कला में था|
गुरु जी का तेज देखकर पीरों ने गुरु जी को नमस्कार की और उन्होंने आपके सिन्द्धातों को सहर्ष अपना लिया| आप की याद में सरसे में गुरुद्वारा स्थित है और पास ही पांच पीरों की कोठड़िया भी है|
श्री गुरु नानक देव जी – जीवन परिचयश्री गुरु नानक देव जी – ज्योति ज्योत समाना
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