हाथों पर ईंट का जुड़ना – साखी श्री गुरु नानक देव जी
श्री गुरु नानक देव जी मक्के से चलकर मदीने आ गए| इस स्थान पर हजरत मुहम्मद साहिब दफनाएं गए थे| इसलिए यह मुसलमानों का बड़ा पूजनीय स्थान है|
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गुरु जी ने कबर के पास बैठकर शब्द गाया| इस शब्द गायन से बहुत मुसलमान शरई लोग गुरु जी को ईंट पत्थर मारने लगे| परन्तु सब के हाथों के साथ ही पत्थर जुड़ गए| इस कौतक का पता जब हकीम को लगा तो वह अपने कई प्रसिद्ध काजियों, मुल्लाओं और पीर फकीरों को साथ लेकर गुरु जी के पास आ गया| गुरु जी अपने शब्द गायन में मस्त थे|
जब भोग पड़ा तो उन्होंने गुरु जी के चरणों में नमस्कार की व कई प्रश्न भी किए| गुरु जी उनके प्रश्नों का उत्तर देते रहे| गुरु जी के उत्तर सुनकर सब निरुत्तर हो गए| सबने गुरु जी से माफी मांगी व उन्हें सच्चा पैगंबर मानकर चरणों पर दोबारा माथा रखकर अपनी भूल की क्षमा मांगी| इमाम ने गुरु जी के पांव की पादुका निशानी के तौर पर अपने पास रख ली|
श्री गुरु नानक देव जी – जीवन परिचयश्री गुरु नानक देव जी – ज्योति ज्योत समाना
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