02. सभापर्व Share 0 अध्याय 30 1 [व] रक्षणाद धर्मराजस्य सत्यस्य परिपालनात शत्रूणां कषपणाच चैव सवकर्मनिरताः परजाः Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतसभापर्व
02. सभापर्व Share 0 अध्याय 32 1 [व] पिता महं गुरुं चैव परत्युद्गम्य युधिष्ठिरः अभिवाद्य ततॊ राजन्न इदं वचनम अब्रवीत भीष्मं दरॊणं कृपं दरौणिं दुर्यॊधन विविंशती Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतसभापर्व
02. सभापर्व Share 0 अध्याय 33 1 [व] ततॊ ऽभिषेचनीये ऽहनि बराह्मणा राजभिः सह अन्तर वेदीं परविविशुः सत्कारार्थं महर्षयः Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतसभापर्व
02. सभापर्व Share 0 अध्याय 12 1 [व] ऋषेस तद वचनं शरुत्वा निशश्वास युधिष्ठिरः चिन्तयन राजसूयाप्तिं न लेभे शर्म भारत Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतसभापर्व
02. सभापर्व Share 0 अध्याय 17 1 [र] जरा नामास्मि भद्रं ते राक्षसी कामरूपिणी तव वेश्मनि राजेन्द्र पूजिता नयवसं सुखम Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतसभापर्व
02. सभापर्व Share 0 अध्याय 20 1 [ज] न समरेयं कदा वैरं कृतं युष्माभिर इत्य उत चिन्तयंश च न पश्यामि भवतां परति वैकृतम Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतसभापर्व
02. सभापर्व Share 0 अध्याय 31 1 [व] स गत्वा हास्तिनपुरं नकुलः समितिंजयः भीष्मम आमन्त्रयाम आस धृतराष्ट्रं च पाण्डवः Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतसभापर्व
02. सभापर्व Share 0 अध्याय 34 1 [ष] नायम अर्हति वार्ष्णेयस तिष्ठत्स्व इह महात्मसु महीपतिषु कौरव्य राजवत पार्थिवार्हणम Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतसभापर्व
02. सभापर्व Share 0 अध्याय 35 1 [व] ततॊ युधिष्ठिरॊ राजा शिशुपालम उपाद्रवत उवाच चैनं मधुरं सान्त्वपूर्वम इदं वचः Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतसभापर्व
02. सभापर्व Share 0 अध्याय 36 1 [व] एवम उक्त्वा ततॊ भीष्मॊ विरराम महायशाः वयाजहारॊत्तरं तत्र सहदेवॊ ऽरथवद वचः Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतसभापर्व