पायो जी मैंने राम रतन धन पायो
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ..
वस्तु अमोलिक दी मेरे सतगुरु किरपा करि अपनायो .
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ..
वस्तु अमोलिक दी मेरे सतगुरु किरपा करि अपनायो .
जानकी नाथ सहाय करें
जानकी नाथ सहाय करें जब कौन बिगाड़ करे नर तेरो ..
अब कृपा करो श्री राम नाथ दुख टारो।
इस भव बंधन के भय से हमें उबारौ।
जय राम रमारमनं शमनं . भव ताप भयाकुल पाहि जनं ..
अवधेस सुरेस रमेस विभो . शरनागत मांगत पाहि प्रभो ..