HomePosts Tagged "रामायण के प्रमुख पात्र" (Page 2)

महर्षि विश्वामित्र महाराज गाधिके पुत्र थे| कुश्वंशमें पैदा होनेके कारण इन्हें कौशिक भी कहते हैं| ये बड़े ही प्रजापालक तथा धर्मात्मा राजा थे| एक बार ये सेनाको साथ लेकर जंगलमें शिकार खेलनेके लिये गये| वहाँपर वे महर्षि वसिष्ठके आश्रमपर पहुँचे|महर्षि वसिष्ठने इनसे इनकी तथा राज्यकी कुशल-श्रेम पूछी और सेनासहित आतिथ्य-सत्कार स्वीकार करनेकी प्रार्थना की|

युवराज अंगद वालीके पुत्र थे| वाली इनसे सर्वाधिक प्रेम करता था| ये परम बुद्धिमान, अपने पिताके समान बलशाली तथा भगवान् श्रीरामके परम भक्त थे| अपने छोटे भाई सुग्रीवकी पत्नी और सर्वस्व हरण करनेके अपराधमें भगवान् श्रीरामके हाथों वालीकी मृत्यु हुई|

महारानी सुमित्रा त्यागकी साक्षात् प्रतिमा थीं| ये महाराज दशरथकी दूसरी पटरानी थीं| महाराज दशरथने जब पुष्टि यज्ञके द्वारा खीर प्राप्त किया, तब उन्होंने खीरका भाग महारानी सुमित्राको स्वयं न देकर महारानी कौसल्या और महारानी कैकेयीके द्वारा दिलवाया|

महर्षि विश्रवाको असुर कन्या कैकसीके संयोगसे तीन पुत्र हुए – रावण, कुम्भकर्ण और विभीषण| विभीषण विश्रवाके सबसे छोटे पुत्र थे|बचपनसे ही इनकी धर्माचरणमें रुचि थी| ये भगवान् के परम भक्त थे|

असंख्य सद्गुणरूपी रत्नोंके महान निधि भगवान् श्रीराम धर्मपरायण भारतीयोंके परमाराध्य हैं| श्रीराम ही धर्मके रक्षक, चराचर विश्वकी सृष्टि करनेवाले, पालन करनेवाले तथा संहार करनेवाले परब्रह्मके पूर्णावतार हैं|

महर्षि वसिष्ठ की उत्पत्तिका वर्णन पुराणोंमें विभित्र रूपोंमें प्राप्त होता है| कहीं ये ब्रह्माके मानस पुत्र, कहीं मित्रावरुणके पुत्र और कहीं अग्निपुत्र कहे गये हैं| इनकी पत्नीका नाम अरुन्धती देवी था|