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कुंजबिहारी की आरती समस्त प्रसिद्ध आरतियों में से एक है. यह भगवान का पूजन करते समय यथा श्रीकृष्ण के जन्म जन्माष्टमी के अवसर पर कुंजबिहारी की आरती की स्तुति की जाती है. आरती अक्सर मंदिरों और घरों में गाई जाती है. कुंजबिहारी भगवान कृष्ण के हजारों नामों में से एक नाम है तथा कुंज का अभिप्राय वृन्दावन की हरियाली घासों से युक्त एक स्थल से है|

हिंदू धर्म के अनुसार श्री कृष्ण जी को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। श्री कृष्ण को पूर्णावतार भी कहा जाता है क्योंकि उनके मृत्यु लोक के सभी चरणों को भोगा है। मान्यता है कि भक्ति-भाव से भगवान कृष्ण की पूजा करने से सफलता, सुख और शांति की प्राप्ति होती है। कृष्ण जी को मक्खन बहुत पसंद होता है। श्री कृष्ण वंदना के लिए लोग “हरे कृष्णा हरे कृष्णा” का जाप करते हैं। साथ ही कृष्ण जी की आरती को भी बेहद महत्त्वपूर्ण माना जाता है।

बद्रीनाथ मंदिर भगवान् विष्णु जी के रूप बद्रीनाथ को समर्पित है| हिन्दुओ के चार धाम मे से बद्रीनाथ को एक धाम मन गया है| इस मंदिर मे नर नारायण विग्रह की पूजा होती है | जो की अचल ज्ञान ज्योति का प्रतीक है| हर हिन्दू की यह कामना होती है की वो एक बार बद्रीनाथ की यात्रा जरुर करे| यहाँ पर शीत के कारन स्नान करना अति कठिन होता है|

सतना जिले की मैहर तहसील के पास त्रिकूट पर्वत पर स्थित माता के इस मंदिर को मैहर देवी का मंदिर कहा जाता है. मैहर का मतलब है मां का हार. मैहर नगरी से 5 किलोमीटर दूर त्रिकूट पर्वत पर माता शारदा देवी का वास है. पूरे भारत में सतना का मैहर मंदिर माता शारदा का अकेला मंदिर है. इसी पर्वत की चोटी पर माता के साथ ही श्री काल भैरवी, भगवान, हनुमान जी, देवी काली, दुर्गा, श्री गौरी शंकर, शेष नाग, फूलमति माता, ब्रह्म देव और जलापा देवी की भी पूजा की जाती है. कहा जाता है कि अल्हा और उदल जिन्होंने पृथ्वीराज चौहान के साथ युद्ध किया था, वह भी शारदा माता के बड़े भक्त हुआ करते थे. इन दोनों ने ही सबसे पहले जंगलों के बीच शारदा देवी के इस मंदिर की खोज की थी. इसके बाद आल्हा ने इस मंदिर में 12 सालों तक तपस्या कर देवी को प्रसन्न किया था. माता ने उन्हें अमरत्व का आशीर्वाद दिया था. आल्हा माता को शारदा माई कह कर पुकारा करता था|

आप उन्हें बापू कहो या महात्मा दुनिया उन्हें इसी नाम से जानती हैं, अहिंसा और सत्याग्रह के संघर्ष से उन्होंने भारत को अंग्रेजो के स्वतंत्रता दिलाई, उनका ये काम पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन गया, वो हमेशा कहते थे बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो, और उनका मानना था की सच्चाई कभी नहीं हारती, इस महान इन्सान को भारत में राष्ट्रपिता घोषित कर दिया, उनका पूरा नाम ‘मोहनदास करमचंद गांधी‘ था|

हिन्दू धर्म में श्री सत्यनारायण जी को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। मान्यता है कि भक्तिपूर्वक सत्यनारायण जी की कथा और आरती करने वाले जातक के सभी कार्य सिद्ध होते हैं।

शनि व्रत रखने का बहुत महत्व माना गया है| कुंडली में शनि की महादशा अथवा साढ़े साती या ढैय्या में शनि जी के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए शनि व्रत का महत्व माना गया है| शनि जी के इस मंत्र – ‘ऊँ शं शनिश्चराय नम:” को कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए| शनि व्रत में शनि देव की आरती के साथ साथ दान भी जरूरी है| उड़द, तेल, तिल, नीलम रत्न, काली गाय, भैंस, काला कम्बल या कपड़ा, लोहा या इससे बनी वस्तुएं और दक्षिणा किसी ब्राह्मण को दान करना चाहिए।

गणेश जी को पार्वती जी का दुलारा कहा जाता है, गणेश जी को गजानंद के नाम से भी जाना जाता है यही कारण है कि समस्त भक्तजन इनकी दुःख हरता के नाम से आरती करते हैं| ऐसा माना जाता है कि गणेश जी की आरती गाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं|