चालीसा श्री साईं बाबा जी की – Chalisa Shri Sai Babaji Ki
|| चौपाई ||
पहले साई के चरणों में, अपना शीश नमाऊं मैं।
कैसे शिरडी साई आए, सारा हाल सुनाऊं मैं॥
|| चौपाई ||
पहले साई के चरणों में, अपना शीश नमाऊं मैं।
कैसे शिरडी साई आए, सारा हाल सुनाऊं मैं॥
श्री साईं बाबा व्रत के फलस्वरूप निम्नलिखित लाभ व फल प्राप्त हो सकते है: पुत्र की प्राप्ति, कार्य सिद्धि, वर प्राप्ति, वधु प्राप्ति, खोया धन मिले, जमीन जायदात मिले, धन मिले, साईं दर्शन, मन की शान्ति, शत्रु शांत होना, व्यापार में वृद्धि, बांझ को भी बच्चे की प्राप्ति हो, इच्छित वास्तु की प्राप्ति, पति का खोया प्रेम मिले, परीक्षा में सफलता, यात्रा का योग, रोग निवारण, कार्य सिद्धि, सर्व मनोकामना पूर्ती, इत्यादि|
साईं बाबा ने अपने भक्तों के कल्याण के लिए अनेक शिक्षाएं अपने श्रीमुख से उच्चारित कीं, बाबा की इन सिक्षाओं में समस्त ग्रंथो का सार है| जो भी व्यक्ति बाबा की इन सिक्षाओं को अपनी जिन्दगी में उतार लेगा, वह इस भवसागर से पार उतर जाएगा|
श्री साईं बाबा अष्टोत्तारशत – नामावली
साईं रहम नजर करना, बच्चों का पालन करना||
जाना तुमने जगत्पसरा, सब ही झूठ जमाना|| साईं…
शिर्डी के साईं बाबा न हिन्दू हैं, न मुसलमान, वे अपने भगतों के दुःख दर्द दूर करने मे पूर्ण रुपेन सक्षम माने जाते हैं| अपने जीवन काल मे इन्होंने बहुत से चमत्कार दिखाए| साईं जी के ११ वचनों के अनुसार आज भी वे अपने भक्तों की सेवा के लिए तुरंत ही उपलब्ध हो जाते हैं| साईं बाबा जी के चमत्कार विचित्र माने जाते हैं| भक्तजन बाबा की आरती द्वारा उन्हें स्मरण करते हैं।
साईं कृपा से व्रत कथा लिखवाई, भक्तों के हाथों में पहुंची|
साईं गुरुवार व्रत करे जो कोई, उसका कल्याण तो हरदम होई|
यह सौंप दिया सारा जीवन, साईंनाथ तुम्हारे चरणों में|
अब जीत तुम्हारे चरणों में, अब हार तुम्हारे चरणों में||
भोग लगाओ साईं बाबा रे मेरा प्रेम भरा प्रीति के पकवान बनाए और भाव भरे भोजन मैंने अपने हाथ से कहो तो मंगाऊं ताजा मेवा बर्फी पेड़ा पकवान रे मेरा प्रेम भरा थाल गंगा यमुना के नीर लाऊं प्रेम से पान कराऊं भोग लगाओ साईं बाबा रे
जय ऊँ, जय ऊँ, जय जय ऊँ, ऊँ, ऊँ, ऊँ, ऊँ, जय जय ऊँ|