सिंघा द्वारा गुरु का वचन मानना – साखी श्री गुरु तेग बहादर जी
अलीशेर से गुरु जी जोगे गाँव आए| आप ने भोपाला गाँव में डेरा लगाया| वहाँ रात ठहर कार आप खीवा कलां जा ठहरे| इस गाँव का एक किसान रोज आपके दर्शन को आता| वह तीन घड़ी बैठा भी रहता| परन्तु एक दिन वह माथा टेक कर झटपट ही उठकर चला गया| गुरु जी ने उससे इसका कारण पूछा कि आज आप जल्दी क्यों जा रहे हो?