बुराई के बदले भलाई
पंडित जयदेव एक बड़े अच्छे संत हए हैं| एक राजा उन पर बहुत भक्ति रखता था और उनका सब प्रबंध अपनी तरफ से ही किया करता था|
पंडित जयदेव एक बड़े अच्छे संत हए हैं| एक राजा उन पर बहुत भक्ति रखता था और उनका सब प्रबंध अपनी तरफ से ही किया करता था|
एक बार एक गांव में एक लड़का रहता था | उसके मां-बाप बचपन में ही गुजर गए थे | इस दुनिया में उसका सगा कोई न था | उसके जन्म लेते ही उसकी मां की मृत्यु हो गई थी | सब लोग उसे कैनी कहकर पुकारते थे |
बुलबुल बहुत ही भोली-भाली लड़की थी | छल-कपट उसे छू तक नहीं गया था | उसके स्वभाव के विपरीत उसकी एक बहन थी – नाम था रीना | रीना चालाक, मक्कार और आलसी थी |
विश्वामित्र की बात सुनकर राजा हरिश्चंद्र ने कहा, “भगवन! मुझसे अपराध हो गया| इस राज्य की प्रत्येक वस्तु पर अब आपका अधिकार है|
एक बार गुजरात की एक रियासत की राजमाता मीलण देवी ने भगवान सोमनाथ जी का विधिवत् अभिषेक किया। उन्होंने सोने का तुलादान कर उसे सोमनाथ जी को अर्पित कर दिया।
प्रतापगढ़ का राजा मंगलसेन शूरवीर और पराक्रमी था | उसका साम्राज्य दूर-दूर तक फैला था | वह प्रतिदिन शाम को एक अदालत लगाता था, जिसमें जनता की समस्याओं को सुनता था | उसका सदैव यही प्रयास रहता था कि उसके राज्य में सभी सुखी हों | वह उनकी परेशानियों को दूर करने का हर संभव प्रयास करता था |
देवधर और मंगल की मित्रता ऐसी थी, जैसे दोनों एक ही शरीर के दो अंग हों | यदि एक को चोट लगती तो तकलीफ दूसरे को होती | वे दोनों बचपन से ही मित्र थे |
राजा हरिश्चंद्र के दरबार से जसने के उपरांत महर्षि वशिष्ठ से चुप नहीं रहा गया| वे गंभीर होकर विश्वामित्र से बोले, “ऋषिवर! आप यह ठीक नहीं कर रहे हैं| आपका वैर मुझसे है| यदि आपको परेशान करना है तो आप मुझे करें| महाराज से आपका व्यवहार ऋषि-परम्परा के विरूद्ध है|”
एक राजा हर समय ईश्वर की भक्ति में डूबा रहता था। उसकी इकलौती लड़की भी उसी की तरह धर्मानुरागी थी। राजा की इच्छा थी कि वह अपनी पुत्री का विवाह ऐसे युवक के साथ करे , जो उसी की तरह धार्मिक प्रवृत्ति का हो।
चांग ची बहुत रईस आदमी था | उसने अपने लिए अपार दौलत जमा कर रखी थी | उसकी पत्नी उसे लाख समझाती थी कि इतनी कंजूसी अच्छी बात नहीं, परंतु वह मानता ही नहीं था |