अनिल शास्त्री जी
श्रीगुरुजी ने निमशरण्य में सबसे अधिक श्रीमृत भागवत कथाएं कीं, क्योंकि निमशरण्य को अष्टम वैकुंठ और श्रीमद भागवत कथा का उद्गम कहा जाता है।
गुरुजी हर तीन वर्ष में नीमशरण्य में ग्रांड महायाग का आयोजन करते हैं और भारत के विभिन्न राज्यों और देशों से भक्तों, संतों, ऋषियों को आमंत्रित करते हैं।