वार्ताली का सिद्ध मन्त्र व विधि
वार्ताली का सिद्ध मन्त्र व विधि इस प्रकार है|
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नृं ठं ठं
नमो देवपुत्रि स्वर्गनिवासिनी
सर्व नरनारी मुख वार्ताली
वार्ता कथय सप्त समुद्रान्दर्शय
दर्शय ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नीं
ठं ठं हुं फट् स्वाहा|
वार्ताली का सिद्ध मन्त्र की विधि इस प्रकार है|
दो जंगली कांटे तथा एक सूअर का दांत लेकर उसके ऊपर एक लाख बत्तीस हजार मन्त्र जप करें तो यह मन्त्र सिद्ध हो| फिर नित्य सिन्दूर का तिलक करके एक सौ आठ बार यह मन्त्र जपें तो वार्ताली देवी प्रसन्न होकर साधक के कान में भूत, भविष्य तथा वर्तमान बता देती है|