तांत्रिक बन्धन दूर करने का मन्त्र व विधि
तांत्रिक बन्धन दूर करने का मन्त्र व विधि इस प्रकार है|
अब पारीस संभ्रम कायवेध|
छेद का ज्ञान विज्ञान फूटै||
अमुकार गाय हंका चंडी को|
हमारे माशिल पाथर परे||
अमुकार गासे मारैस समारे सुमारै|
रोड़ांब उल्टा वेधे||
विरूपाक्ष विराली|
उलटा वेधे पिण्डोमानायै||
मोरे पिण्डे करे|
घा उल्टा वेधे||
डांक्तुलखा: फोड़ फोड़|
दण्डी विरूपाक्षरे आज्ञा||
तांत्रिक बन्धन दूर करने का मन्त्र की विधि इस प्रकार है|
इस मन्त्र को पहले सिद्ध करें फिर प्रातःकाल के समय जल 21 बार अभिमन्त्रित करके रोगी व्यक्ति को पिलाने से तांत्रिक बन्धन दूर होता है|