सिंघाड़ा के 5 स्वास्थ्य लाभ – 5 Health Benefits of Water Chestnut
सिघाड़े को ‘जलफल’ और ‘त्रिकोणफल’ भी कहा जाता है| यह तालाब के जल के गर्भ से उत्पन्न होता है| यह मधुर, मृदु एवं सरस होता है| रोग के कीटाणुओं को यह जड़ से नष्ट कर देता है| यह पौष्टिक, शीतल, स्वादिष्ट, रुचिकर, वीर्यवर्धक और त्रिदोषनाशक है तथा स्त्रियों के लिए तो बहुत अधिक लाभकारी है|
सिंघाड़ा के 5 औषधीय गुण इस प्रकार हैं:
1. टांसिल्स
सिंघाड़े में आयोडीन अधिक मात्रा में होता है| इसलिए गले के समस्त रोगों में लाभकारी है|
2. एक्जिमा
नींबू के ताजा रस में सिघाड़े को घिस कर लगाएं| पहले तो इससे कुछ जलन होगी, फिर बाद में ठंडक पड़ जाएगी| कुछ दिन इसी प्रकार लगाते रहने से एक्जिमा दूर हो जाएगा|
3. प्रदर रोग
सूखे सिंघाड़े के आटे का हलुवा कुछ दिन खाने से ही श्वेत प्रदर से मुक्ति मिल जाती है|
सूखे सिंघाड़े के आटे की रोटी नित्य एक सप्ताह प्रात: खाने से रक्त प्रदर दूर हो जाता है|
4. गर्भस्त्राव
गर्भाशय की दुर्बलता के कारण गर्भ नहीं ठहर पाता है और गर्भस्त्राव हो जाता है| कुछ सप्ताह ताजे सिंघाड़े खाने से गर्भाशय की दुर्बलता दूर हो जाती है, जिस कारण गर्भ ठहर जाता है|
5. वीर्यवर्धक
सिंघाड़े के आटे की फंकी लेकर ऊपर से दूध पीने से वीर्य में वृद्धि होती है|
NOTE: इलाज के किसी भी तरीके से पहले, पाठक को अपने चिकित्सक या अन्य स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता की सलाह लेनी चाहिए।
Consult Dr. Veerendra Aryavrat +91-9254092245
(Recommended by SpiritualWorld)