पीपल के 9 स्वास्थ्य लाभ – 9 Health Benefits of Pipal
पीपल का वृक्ष पवित्र, अश्वत्थ, ज्ञान देने वाला, शुद्ध वायु प्रदाता तथा गुणों की खान माना गया है| कहते हैं कि एक गमले में पीपल का छोटा पौधा (वृक्ष) लगाकर बैठक में रखने से ऑक्सीजन के सिलेण्डर की जरूरत नहीं पड़ती|
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इस वृक्ष की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि पीपल दिन-रात शुद्ध वायु देता है| अन्य वृक्षों की तरह यह रात में कार्बन-डाईऑक्साइड नहीं छोड़ता| यदि ऐसे पवित्र वृक्ष पर ब्रह्मा का निवास माना गया है तो इसमें झूठ क्या है? जो सच है, जो वैज्ञानिक है और जो प्रमाणित है – वही ब्रह्मा है|
पीपल में जल का अंश सभी वृक्षों से अधिक होता है| यदि इसके दूध का फाहा फोड़ा या बलतोड़ पर लगाया जाए तो वह कुछ ही दिनों में सूख जाता है| पीपल की राख तथा छाल का चूर्ण श्वास रोग, खांसी, गला बैठना आदि रोगों के लिए रामबाण है| पीपल के लकड़ी की प्याली में दूध पीने से चर्म रोग खत्म हो जाते हैं| इसके गोंद की जौ के आटे में मिलाकर रोटी बनवाकर खाने से पौरुष शक्ति बढ़ती है| पीपल के फल में पुत्र उत्पन्न करने की शक्ति है| पीपल के फल को हर्र और सौंफ के साथ सेवन करने से कब्ज टूट जाता है| यह जठराग्नि को तेज करता है| पीपल की छाल जलाकर उसका भस्म पानी के साथ लेने से उल्टियां बंद हो जाती हैं| इसके अन्य औषधीय उपयोग नीचे दिए जा रहे हैं –
पीपल के 9 औषधीय गुण इस प्रकार हैं:
1. बिवाई
पीपल के तने या पत्तों से दूध इकट्ठा करके पैरों की एड़ियों में होने वाली बिवाईयों पर लगाने से वे बहुत जल्दी ठीक हो जाती हैं|
2. रक्त शुद्धि
पीपल के पंचांग का अर्क पीने से रक्त शुद्ध होता है| पंचांग में जड़, पत्ती, फल, छाल और जटा का अर्क लिया जाता है| यह अर्क दो चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम पीना चाहिए|
3. बवासीर
पीपल बवासीर के लिए अक्सीर है| इसके लिए पीपल और नीम के कोमल पत्तों को समान मात्रा में लेकर पीस डालें| फिर उसे बवासीर के मस्सों पर दिन में तीन बार लगाएं| चार-पांच दिन नियमित रूप से यह लेप लगाने से मस्से सूख जाते हैं|
4. हृदय रोग
पीपल के थोड़े से फल लेकर छाया में सुखा लें| फिर उसे कूट-पीसकर चूर्ण बनाएं| इसमें से लगभग 3 ग्राम चूर्ण दूध के साथ सेवन करें| यह हृदय रोग को कुछ ही दिनों में शान्त कर देता है|
5. आंखों की गुहेरी
पीपल की छाल को पानी में घिसकर आंखों की गुहेरी पर लगाने से वह जल्दी ही बैठ जाती है|
6. पैरों की जलन
पीपल और मेहंदी की पत्तियों को पीसकर तलवों पर लेप लगाने से पैरों की जलन दूर होती है|
7. श्वास रोग
पीपल की छाल को एक हांडी में भरकर मुंह बंद कर दें| अब इस हांडी को उपलों की आग में रखें| चार-पांच घंटे के बाद हांडी को आग में से निकालकर ठंडी होने के लिए रख दें| फिर ठंडी राख को हांडी से निकालकर शीशी में भरकर रख लें| इसे तीन रत्ती की मात्रा में प्रतिदिन दो बार शहद के साथ चाटने पर श्वास तथा तिजारी का रोग जाता रहता है|
8. वीर्य की पुष्टता
पीपल के सूखे गोंद को गेहूं के आटे में मिलाकर हलवा बनाकर खाएं| यह वीर्य को पुष्ट करता है और प्रदर रोग में लाभ पहुंचाता है|
9. पेट के रोग
पीपल के पके हुए सूखे फल 5 ग्राम, छोटी हर्र 5 ग्राम, सौंफ 5 ग्राम तथा मिश्री 15 ग्राम – सबको कूट-पीसकर चूर्ण बना लें| रात को सोते समय 3 ग्राम चूर्ण दूध या गरम पानी से सेवन करें| यह चूर्ण पेट के सभी रोगों को शान्त करता है और मल साफ लाता है| इससे जठराग्नि तीव्र होती है|
NOTE: इलाज के किसी भी तरीके से पहले, पाठक को अपने चिकित्सक या अन्य स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता की सलाह लेनी चाहिए।
Consult Dr. Veerendra Aryavrat +91-9254092245
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