नीम के 17 स्वास्थ्य लाभ – 17 Health Benefits of Neem
नीम खाने में कड़वी लगती है, लेकिन उसके गुण मीठे होते हैं| नीम में अमृत तत्त्व मौजूद हैं| यह कमजोर व्यक्ति को भी उठाकर बैठा देता है| निम्ब का अर्थ ही है – नीरोग करने वाला|
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कौन नहीं जानता कि नीम की दातुन दांतों को मजबूत करती है तथा उनमें कीड़ा नहीं लगने देती| नीम का निरन्तर सेवन करने से व्यक्ति वासनाओं से दूर भागने लगता है| इस प्रकार नीम का पेड़ जड़ से लेकर फुनगी तक हमारे लिए बहुत लाभदायक है|
नीम के वृक्ष की छाया हमें जीवनदान देती है| थका-मांदा व्यक्ति नीम के नीचे आश्रय पाकर सारे दु:खों को भूल जाता है| उसकी नस-नस में स्फूर्ति समा जाती है| नीम के पत्ते कोढ़ियों के लिए बहुत ही गुणकारी हैं| इसकी सुगंध से दूर-दूर तक का वातावरण शुद्ध हो जाता है| यह कफ नाशक, कृमि नाशक, बवासीर, कुष्ठ, खांसी, स्नायु, त्वचा आदि सभी रोगों के लिए बहुत उपयोगी है| इसके चिकित्सीय उपयोग निम्नलिखित हैं –
नीम के 17 औषधीय गुण इस प्रकार हैं:
1. अजीर्ण
नीम की दो निबौलियों का गूदा शहद में मिलाकर चाटने से मल साफ आता है|
2. अम्लपित्त
नीम की थोड़ी-सी छाल, सोंठ और कालीमिर्च – सबको पीसकर चूर्ण बना लें| इसमें से 5 ग्राम चूर्ण रोज सवेरे तथा शाम को ताजे पानी से सेवन करें| तीन-चार दिनों में अम्लपित्त का रोग चला जाएगा|
3. अरुचि
नीम की पत्तियों को सुखाकर चूर्ण बना लें| आधा-आधा चम्मच चूर्ण सुबह-शाम शहद में मिलाकर सेवन करें| भोजन के प्रति अरुचि जाती रहेगी|
4. आंख दु:खना
नीम की पत्तियों का रस 10 ग्राम निकालकर उसमें 10 ग्राम पठानी लोध पीसकर मिला दें| इसे पलकों पर लेप करने से आंखों की जलन और लाली चली जाती है|
5. आंखों में जाला
नीम के पत्ते, आंवला, हरड़, नागरमोथा, कूट, गिलोय, बायबिड़ंग एवं सेंधा नमक 10-10 ग्राम तथा पुनर्नवा की जड़ 20 ग्राम – सबको कूट-पीसकर गाय के मूत्र में मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बना लें| प्रतिदिन एक-एक गोली घिसकर दोनों पलकों पर लगाएं| कुछ ही दिनों में आंखों का जाला कट जाएगा|
6. आग से जलना
नीम का तेल जले हुए स्थान पर लगाने से फफोले नहीं पड़ते| इससे घाव भी जल्दी ठीक हो जाता है|
7. पेचिश
नीम की पत्तियों, फलों तथा फूलों को सुखाकर चूर्ण बना लें| इसमें से 3 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम चाटने से पेचिश बंद हो जाती है|
8. दाद-खाज
नीम की छाल, पीपल की छाल, गिलोय और मजीठ – सभी 10-10 ग्राम की मात्रा में लेकर काढ़ा बना लें| दिनभर में तीन बार इस काढ़े का सेवन करें| दाद-खाज पर नीम का तेल भी लगाएं|
9. कब्ज
नीम की थोड़ी-सी पत्तियों का काढ़ा बना लें| फिर इसमें थोड़ी-सी शक्कर डालकर भोजन के बाद सेवन करें|
10. कान का दर्द
थोड़ी-सी नीम की पत्तियां तथा 3 ग्राम तुतिया (नीला थोथा) – दोनों को पीसकर छोटी-छोटी गोलियां बना लें| यह गोलियां सरसों के तेल में पकाकर छान लें| अब इस तेल को बूंद-बूंद कान में डालें|
11. गंजापन
सिर पर नीम के तेल की नित्य मालिश करने से कुछ ही दिनों बाद गंज पर बाल आने लगते हैं|
12. घमौरी
सारे शरीर पर नीम के तेल की मालिश करने से तीन-चार दिनों में घमौरियां सूख जाती हैं|
13. चर्म रोग
नीम की तीन से दस कोंपलें प्रतिदिन सुबह के समय बिना कुछ खाए-पिए चबा जाएं| चर्म रोग ठीक हो जाएगा|
14. मुंहासे
नीम के बीज को सिरके में पीसकर लगाने से मुंहासे कुछ ही दिनों में सूख जाते हैं|
15. जुएं तथा लीखें
सिर में नीम के तेल की मालिश करने से जुएं तथा लीखें मर जाती हैं|
16. पतले दस्त
नीम की छाल का काढ़ा पीने से पतले दस्त रुक जाते हैं|
17. बवासीर
नीम की छाल का चूर्ण गुड़ के साथ सेवन करें तथा नीम का तेल मस्सों पर लगाएं| इन दोनों चीजों के प्रयोग से अवश्य लाभ होगा|
NOTE: इलाज के किसी भी तरीके से पहले, पाठक को अपने चिकित्सक या अन्य स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता की सलाह लेनी चाहिए।
Consult Dr. Veerendra Aryavrat +91-9254092245
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