छाछ (मट्ठा) के 11 स्वास्थ्य लाभ – 11 Health Benefits of Buttermilk
स्वास्थ्य के लिए इसे अमृत तुल्य माना गया है| जो लोग नियमित रूप से भोजनोपरान्त छाछ लेते हैं, वो कष्ट के चक्रव्यूह से सदैव मुक्त रहते हैं| आयुर्वेदिक चिकित्सा में कहा गया है कि भोजन के अन्त में छाछ, रात्रि के अन्त में जल और रात्रि के मध्य में दूध पीने वाला व्यक्ति सदा स्वस्थ रहता है| इसमें एक अलौकिक शक्ति विद्यमान है| कहा गया है कि धरती पर मनुष्य के लिए छाछ यानी मट्ठा एक अमृत समान है|
छाछ (मट्ठा) के 11 औषधीय गुण इस प्रकार हैं:
1. दस्त
आधा पाव छाछ में एक चम्मच शहद मिलाकर तीन बार नित्य पीने से दस्त बन्द हो जाते हैं|
2. नशा
भांग का नशा खट्टी छाछ पीने से उतर जाता है|
3. दांत निकलना
छोटे बच्चों को नित्य छाछ पिलाने से दांत निकलने में कष्ट नहीं होता और दांतों का रोग भी नहीं होता|
4. मोटापा
मोटापा छाछ पीने से कम होता है|
5. दर्द
पेट-दर्द हो तो छाछ पीने से यह दर्द ठीक हो जाता है|
6. अपचन
अपच के लिए छाछ एक औषधि है| तली, भुनी गरिष्ठ चीजों को पचाने में छाछ लाभदायक है| छाछ आंतों में स्वास्थ्यवर्धक कीटाणुओं की वृद्धि करता है, आंतों में सड़ांक रोकता है| छाछ में सैंधा नमक, भुना हुआ जीरा, काली मिर्च पीसकर मिलाएं, अजीर्ण शीघ्र ठीक हो जायेगा|
7. अन्य रोग
छाछ से कब्ज, दस्त, पेचिश, खुजली, चौथे दिन आने वाला मलेरिया बुखार, तिल्ली, जलोदर, रक्तचाप (ब्लडप्रेशर की कमी या अधिकता), दमा, गठिया, अर्धांगवात, गर्भाशय के रोग, मलेरिया जनित यकृत के रोग, मूत्राशय की पथरी में लाभ होता है|
8. बवासीर
एक गिलास छाछ में नमक और एक चम्मच पिसी हुई अजवाइन मिलाकर पीने से बवासीर में लाभ होता है| छाछ के उपयोग से नष्ट हुई बवासीर पुन: उत्पन्न नहीं होती| सैंधा नमक ज्यादा लाभ करता है| छाछ से सिंका हुआ जीरा मिलाकर पीना भी लाभदायक है|
9. अजीर्ण
घी, तेल और मूंगफली अधिक खाने से अजीर्ण होने पर छाछ पीने से लाभ होता है|
10. कृमि
गाय की छाछ में नमक मिलाकर प्रात: पीने से कृमि मर जाते हैं|
11. शक्तिवर्धक
छाछ पीने से स्त्रोतों, मार्गों की शुद्धि होकर रस का भलीभांति संचार होने लगता है| आंतों से सम्बन्धित कोई रोग नहीं होता| नियमित छाछ पीने से शरीर की पुष्टि, प्रसन्नता, बल, कान्ति, ओज की वृद्धि होती है| पिसी हुई अजवाइन, सैंधा नमक मिलाकर, तीनों समय के भोजन के अन्त में नित्य कुछ दिन छाछ पीने से लाभ होता है| यह अच्छा न लगे तो छाछ में कालीमिर्च और नमक मिलाकर भी पी सकते हैं|
छाछ पीने से जो रोग नष्ट होते हैं, वे जीवन भर पुन: नहीं होते| छाछ खट्टा नहीं होना चाहिए| पेट के रोगों में छाछ कई बार पिएं| गर्मी में छाछ पीने से शरीर में ताजगी एवं तरावट आती है| नित्य नाश्ते एवं भोजन के बाद छाछ पीने से शारीरिक शक्ति बढ़ती है एवं बनी रहती है| बाल असमय सफेद नहीं होते|
NOTE: इलाज के किसी भी तरीके से पहले, पाठक को अपने चिकित्सक या अन्य स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता की सलाह लेनी चाहिए।
Consult Dr. Veerendra Aryavrat +91-9254092245
(Recommended by SpiritualWorld)