फिटकरी के 31 स्वास्थ्य लाभ – 31 Health Benefits of Alum
यह स्वाद में तीक्ष्ण, स्निग्थ एवं कांतिवर्धक है, त्रिदोषनाशक है| इसकी संनिधि में प्रदर एवं प्रेमह का अतिशीघ्र प्रयाण हो जाता है| सूजन के लिए फिटकरी का प्रयोग बहुत उपयोगी एवं विश्वसनीय है| निम्न शारीरिक रोगों में भी इससे उपचार किया जाता है|
फिटकरी के 31 औषधीय गुण इस प्रकार हैं:
1. दस्त, पेचिश
फिटकरी 20 ग्राम और अफीम 3 ग्राम को पीसकर मिला लें| सबेरे-शाम इस चूर्ण को दाल के बराबर पानी के साथ रोगी को पिलाएं| इससे दस्तों में लाभ होगा| फिर तीन घंटे की बाद इसबगोल की भूसी के साथ दें तो पेचिश बन्द हो जाएगी और खून का आना भी रुक जाएगा|
2. हैजा
आधा गिलास पानी में 5 ग्राम फिटकरी घोलकर पिलाने से हैजे में लाभ होता है|
3. आंतरिक चोट
आंतरिक चोट लगने पर चार ग्राम फिटकरी को पीसकर आधा किलो गाय के दूध में मिलाकर पिलाने से लाभ होता है|
4. सुजाक
सुजाक में पेशाब करते समय जलन होती है| बड़े कष्ट से टपका-टपका पेशाब होता है| इतना कष्ट होता है कि रोगी मरना पसन्द करता है| इसमें 6 ग्राम पिसी हुई फिटकरी एक गिलास पानी में घोलकर पिलाएं| कुछ दिन पिलाने से सुजाक ठीक हो जाता है|
5. बांझपन
मासिक धर्म ठीक होने पर भी यदि सन्तान न होती हो तो रुई के फोये में फिटकरी लपेट कर पानी में भिगोकर रात को सोते समय योनि में रखें| सुबह जब निकालेंगे तो उस रुई पर चारों ओर दूध की खुरचन-सी जमा होगी| फोया तब तक रखें, जब तक खुरचन आती रहे| जब खुरचन नहीं आए तो समझें बांझपन रोग समाप्त हो गया|
6. योनि संकोचन
की तरह फोया रखें तथा फिटकरी पानी में घोलकर, योनि को अन्दर तक दिन में तीन बार धोएं| योनि सिकुड़कर सख्त हो जाएगी| ढीलापन ठीक होगा|
7. काली खांसी
चने की दाल के बराबर पिसी हुई फिटकरी गर्म पानी से नित्य लेने से कूकर खांसी ठीक होती है|
8. कान में चींटी
कान में चींटी जाए, इससे कान में सुरसुरी हो तो फिटकरी को पानी में घोलकर कान में डालें|
9. सर्प दंश
सर्प दंश वाले व्यक्ति को फिटकरी पानी में घोलकर पिलाएं|
10. बिच्छू का दंश
बिच्छू काटे स्थान पर फिटकरी पानी में पीस कर लेप करें|
11. छाले
फिटकरी पानी में घोल कर कुल्ले करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं|
12. खूनी बवासीर
सूखी बवासीर (Bleeding Piles) हो, गुदा (Anus) बाहर आती हो तो फिटकरी को पानी में घोल कर गुदा में पिचकारी देने से लाभ होता है| एक गिलास पानी में आधा चम्मच पिसी हुई फिटकरी मिलाकर नित्य गुदा को धोएं साफ कपड़ा फिटकरी के पानी में भिगो कर गुदा पर रखें|
13. गले के रोग
खाने का सोडा, खाने का नमक बराबर मात्रा में और जरा-सी पिसी फिटकरी मिला कर एक शीशी में भर कर रख लें| इस मिश्रण की 1 चम्मच 1 गिलास गर्म पानी में घोल लें| इस पानी से सुबह उठते और सात सोते समय अच्छी तरह गरारे करने चाहिए| इससे गले की खराश, टांसिल्स की सूजन, मसूड़ों की खराबी और गले में जमा कफ नष्ट होने से गले की व्याधि व खांसी नहीं होती|
14. रक्तस्त्राव
एक ग्राम फिटकरी पीस कर 125 ग्राम दही और 250 ग्राम पानी मिलाकर लस्सी बनाकर पिलाने से भी रक्तस्त्राव बन्द हो जाता है|
15. नकसीर
गाय के कच्चे दूध में फिटकरी घोलकर सूंघने से नकसीर (नाक से रक्त आना) ठीक हो जाती है| यदि नकसीर बन्द न हो तो फिटकरी पानी में घोलकर उसमें कपड़ा भिगोकर ललाट पर रख दें| 5-10 मिनट में रक्त बन्द हो जायेगा| चौथाई चाय की चम्मच फिटकरी पानी में घोलकर नित्य तीन बार पिएं|
16. पसीना
हाथ-पांव में पसीना आता हो तो फिटकरी को पानी में घोलकर इससे हाथ-पांवों को धोएं|
17. खांसी-दमा
आधा ग्राम पिसी हुई फिटकरी शहद में मिलाकर चाटने से दमा, खांसी में आराम होता है| पिसी हुई फिटकरी एक चाय की चम्मच, आधा कप गुलाबजल में मिलाकर सुबह-शाम दो बार पीने से दमा ठीक हो जाता है|
18. गर्भपात
पिसी हुई फिटकरी चौथाई चम्मच एक कप कच्चे दूध में डालकर लस्सी बनाकर पिलाने से गर्भपात रुक जाता है| गर्भपात के समय जब दर्द, रक्तस्त्राव हो रहा हो तो हर दो-दो घंटे से एक खुराक दें|
19. प्रदर रोग
श्वेत प्रदर व रक्त प्रदर दोनों में चौथाई चम्मच पिसी हुई फिटकरी पानी में नित्य तीन बार फंकी लेने से ठीक हो जाते हैं| फिटकरी पानी में मिलाकर मूत्रांग को गहराई तक सुबह, शाम धोएं, पिचकारी दें|
20. मुंह के रोग
पायोरिया, मसूड़ों में दर्द, सूजन, रक्त आना; एक भाग नमक, दाग भाग फिटकरी बारीक पीसकर मसूड़ों पर नित्य तीन बार लें| फिर एक गिलास गर्म पानी में पांच ग्राम फिटकरी डालकर हिलाकर कुल्ले करें| इससे मसूड़े व दांत मजबूत होंगे, उनसे रक्त, मवाद आना बन्द हो जाएगा|
21. दांत-दर्द
दांत में छेद हो, दर्द हो तो फिटकरी रुई में रखकर छेद में दबा दें और लार टपकाएं, दांत-दर्द ठीक हो जाएगा|
22. मलेरिया
एक ग्राम फिटकरी, दो ग्राम चीनी में मिलाकर मलेरिया आने से पहले दो-दो घंटे से बार दें| मलेरिया नहीं आएगा और आएगा तो कम| फिर दूसरी बार भी जब मलेरिया आने वाला हो तो इसी प्रकार से दें| रोगी को कब्ज नहीं होना चाहिए| यदि कब्ज हो तो पहले कब्ज दूर करें|
23. चींटी, दीमक
जहां चीटियां, दीमक हों, फिटकरी सरसों के तेल में मिलाकर डालें| चीटियां और दीमक फिर वहां नहीं रहेंगी|
24. अन्य रोग
फिटकरी संकोचक अर्थात् सिकुडन पैदा करने वाली है| त्वचा, नाक, आंख, मूत्रांग और मलद्वार पर इसका स्थानीय प्रयोग किया जाता है| रक्तस्त्राव, दस्त, कूकर खांसी तथा दमा में आंतरिक सेवन से लाभ होता है|
25. नशापान
(शराब क नशा) यदि ज्यादा शराब पी ली हो तो 6 ग्राम फिटकरी को पानी में घोलकर पिला दें या दो सेब का रस पिलाएं, नशा कम हो जाएगा|
26. जनेन्द्रिय की खुजली
जनेन्द्रिय खुजली में गर्म पानी में फिटकरी मिलाकर घोने से लाभ होता है|
27. गले के रोग
टांसिल बढ़ जाने, गले में दर्द होने पर गर्म पानी में फिटकरी और नमक डालकर गरारे करें| इससे टांसिल ठीक होते हैं| मुंह, गला, दांत साफ होते हैं|
28. रक्तस्त्राव
(घावों में रक्तस्त्राव) ताजा घाव हो, चोट-खरोंच लगकर घाव हो गया हो, उससे रक्तस्त्राव हो रहा हो| ऐसे घाव को फिटकरी के पानी से धोएं तथा घाव पर फिटकरी को पीसकर इसका पाउडर छिड़कने, लगाने, भुरकने से रक्तस्त्राव बन्द हो जाता है|
29. मुंह का स्वाद
(मुंह का लिबलिबापन) सैंधा नमक और फिटकरी समान मात्रा में मिलाकर पीसकर इसके पाउडर से मंजन करने से दांतों और मुंह का लिबलिबापन दूर होता है|
30. आंखें दुखना
एक ग्राम फिटकरी, 40 ग्राम गुलाब जल में मिलाकर शीशी में भर लें| इसकी दो-दो बूंद आंखों में कई बार डालें| आंखों का दर्द, लाली, कीचड़ आना बन्द हो जाएगा| रात को सोते समय डालने से आंखों में तरावट रहती है| इसे नित्य डाल सकते हैं|
31. सूजन
(अंगुलियों की सूजन) पानी में ज्यादा काम करने से जाड़ों में अंगुलियों में सूजन या खाज हो जाए तो पानी में फिटकरी उबालकर उससे धोएं|
NOTE: इलाज के किसी भी तरीके से पहले, पाठक को अपने चिकित्सक या अन्य स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता की सलाह लेनी चाहिए।
Consult Dr. Veerendra Aryavrat +91-9254092245
(Recommended by SpiritualWorld)