अहोई का अहोकाष्टमी का व्रत – Ahoi Ka Ahokashtmi Ka Vrat
यह व्रत प्रायः कार्तिक बदी अष्टमी को उसी वार को किया जाता है| जिस वार की दीपावली होती है| इस दिन स्त्रियों की आरोग्यता और दीर्घायु प्राप्ति के लिए अहोई माता का चित्र दिवार पर माँड कर पूजन किया जाता है|
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विधि:
अहोई का व्रत दिन भर किया जाता है| जिस समय तारामण्डल आकाश में उदय हो जये उस समय वहाँ पर एक जल का लोटा रखकर चाँदी की स्याऊ और दो गुडिया रखकर मौली नाल में पिरो ले| तत्पश्चात रोली-चावल से अहोई माता के सहित स्याऊ माता का अरचे और सीरा आदि का भोग लगाकर कहानी सुने|