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चूर्ण और वटी (13)

नुस्खा – भुना हुआ सफेद जीरा 100 ग्राम, सोंठ पिसी हुई 50 ग्राम, सेंधा नमक 150 ग्राम, काला नमक 50 ग्राम, कालीमिर्च 50 ग्राम, नीबू का सत 50 ग्राम और पीपरमेंट 2 ग्राम – सभी चीजों को कूट-पीसकर कपड़छन कर लें| फिर इसे शीशी में भरकर रख लें|

नुस्खा – देवदारु, अजमोद, बायबिड़ंग, सेंधा नमक, पीपरामूल, पीपल, सौंफ एवं कालीमिर्च 20-20 ग्राम तथा बड़ी हरड़, सोंठ और बिधारा 100-100 ग्राम – सबको कूट-पीसकर महीन चूर्ण बनाकर शीशी में रख लें|

नुस्खा – हींग, कालीमिर्च, अजवायन, छोटी हरड़, शुद्ध सज्जीखार तथा सेंधा नमक – सभी चीजें बराबर की मात्रा में लेकर कूट-पीस लें| फिर इसे तीन बार कपड़े से छानें| अब शीशी में बंद करके रख लें|

नुस्खा – सोंठ, कालीमिर्च, पीपल, अजवायन, सेंधा नमक, काला तथा सादा जीरा 10-10 ग्राम और हींग 2 ग्राम – सभी चीजों को अच्छी तरह कूट-पीसकर कपड़छन करके शीशी में भर लें|

नुस्खा – पीपल 5 ग्राम, निशोथ 25 ग्राम और कच्ची खांड़ 50 ग्राम – इन सबको पीसकर चूर्ण बनाकर शीशी में भरकर रख लें|

नुस्खा – मुलहठी, लाख, भुनी हल्दी, मजीठ तथा नील कमल के फूल – सभी चीजें समान मात्रा में सुखाकर चूर्ण बना लें|

नुस्खा – पीपल, आंवला, हर्र, बहेड़ा और सेंधा नमक – सभी चीजें बराबर की मात्रा में लेकर कूट-पीसकर चूर्ण बना लें| फिर इसे शीशी में भरकर डॉक लगा दें ताकि सीलन न जाने पाए|

नुस्खा – ब्राह्मी, आंवला, हर्र, बहेड़ा और मुण्डी – सबको बराबर की मात्रा में कूट-पीसकर चूर्ण बना लें| फिर इसमें थोड़ी-सी कच्ची खांड़ मिला दें|

नुस्खा – सोंठ, नागरमोथा, भुनी हींग, चीता की जड़, अतीस तथा कुण्डा की छाल – सबको कूट-पीसकर कपड़छन कर चूर्ण बना लें|

नुस्खा 
सोंठ, सौंफ, सनाय, छोटी हरड़ और सेंधा नमक – सभी चीजें समान मात्रा में कूट-पीसकर महीन चूर्ण बना लें|

नुस्खा – अदरक, लाल चन्दन, हर्र तथा जवाखार – सबको 20-20 ग्राम की मात्रा में कूट-पीसकर चूर्ण बना लें|

नुस्खा – पीपरामूल, जवाखार, सज्जीखार, चित्रकमूल, नमक, त्रिकुट, भुनी हींग, अजमोद तथा चक-सभी का चूर्ण 20-20 ग्राम लेकर अनार के रस में घोटकर मटर के दाने के बराबर गोलियां बना लें|

नुस्खा – सेंधा नमक, कालीमिर्च एवं फिटकिरी फूली हुई 10-10 ग्राम तथा कपूर व अफीम 2-2 ग्राम – सबको कूट-पीसकर चूर्ण बना लें|