Homeअतिथि पोस्टसी.एम.एस. गोमती नगर ऑडिटोरियम में विश्व एकता सत्संग वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से ही शान्ति व एकता आयेगी- डा. (श्रीमती) भारती गाँधी, प्रख्यात शिक्षाविद् व संस्थापिका-निदेशिका, सी.एम.एस.

सी.एम.एस. गोमती नगर ऑडिटोरियम में विश्व एकता सत्संग वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से ही शान्ति व एकता आयेगी- डा. (श्रीमती) भारती गाँधी, प्रख्यात शिक्षाविद् व संस्थापिका-निदेशिका, सी.एम.एस.

सी.एम.एस. गोमती नगर ऑडिटोरियम में विश्व एकता सत्संग वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से ही शान्ति व एकता आयेगी- डा. (श्रीमती) भारती गाँधी, प्रख्यात शिक्षाविद् व संस्थापिका-निदेशिका, सी.एम.एस.

लखनऊ, 24 फरवरी। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर ऑडिटोरियम में आयोजित विश्व एकता सत्संग में बोलते हुए बहाई धर्मानुयायी, प्रख्यात शिक्षाविद् सी.एम.एस. संस्थापिकानिदेशिका डा. (श्रीमती) भारती गाँधी ने कहा कि पारिवारिक एकता से ही विश्व एकता की राहें खुलेंगी, इसलिए बच्चों को प्रारम्भ से ही शान्ति, एकता, प्रेम सदाचारों की शिक्षा देना आवश्यक है। सी.एम.एस. के छात्रों को जय जगत तथा वसुधैव कुटम्बकम के माध्यम से विश्व नागरिक बनने की शिक्षा दी जाती है। परिवार में मातापिता, भाईबहन इत्यादि में एकता अपने का भाव होना आवश्यक है। डा. गाँधी ने आगे कहा कि आज विश्व का सर्वाधिक धन लड़ाइयों पर खर्च हो रहा है। ऐसे में यदि विश्व में एकता शान्ति का वातावरण बनेगा तो लड़ाइयों पर खर्च होने वाला धन रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा चिकित्सा पर खर्च होगा, जिससे दुनिया में खुशहाली आयेगी। शिक्षा का उद्देश्य ही देशदुनिया में लड़ाइयों का अन्त कर सुख, शान्ति, एकता तथा प्रेम का वातावरण तैयार करना है। उन्हांने कहा किवसुधैव कुटुम्बकमकी भावना से ही विश्व में शान्ति एकता स्थापित होगी। आज दुनिया भर में अराजकता एवं मारामारी का माहौल है। ऐसे में भावी पीढ़ी को वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से अवगत कराना हमारा नैतिक कर्तव्य है। बच्चों को प्रारम्भ से ही विश्व एकता, विश्व शान्ति, प्रेम, भाईचारा की शिक्षा दी जानी चाहिए तभी ये बच्चे बड़े होकर विश्व एकता का सपना एक दिन पूरा करके दिखलायेंगे। इससे पहले,  सी.एम.एस. के संगीत शिक्षकों ने सुमधुर भजनों की श्रृंखला प्रस्तुत कर सम्पूर्ण आडिटोरियम को आध्यात्मिक आलोक से प्रकाशित कर दिया तथापि उपस्थित सत्संग प्रेमियों को सुखद अनुभूति करायी।

विश्व एकता सत्संगमें आज सी.एम.एस. राजाजीपुरम (द्वितीय कैम्पस) के छात्रों ने साँस्कृतिकआध्यात्मिक प्रस्तुतियों से सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम की शुरूआत स्कूल प्रार्थना से करके छात्रों ने नाटकएलिस इन वण्डरस्कूलप्रस्तुत किया। प्रार्थना नृत्य ‘‘जब सबकी एक है धरती’’ की प्रस्तुति ने खूब तालियाँ बटोरी। माताओं द्वारा प्रस्तुत नृत्य ‘‘साँचा नाम तेरा, तू श्याम मेरा’’ ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। अंत में छात्रों ने एक्शन साँग ‘‘चाइल्ड इज पोटेन्शियली लाईट ऑफ वर्ल्ड’’ प्रस्तुत किया। सत्संग का समापन संयोजिका श्रीमती वंदना गौड़ द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।

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