संसार में न्याय, लोकतंत्र, शिक्षा और कानून का राज होना चाहिए!
बराक ओबामा को एक नए सर्वेक्षण में अमेरिकी इतिहास का 12वां सबसे अच्छा राष्ट्रपति चुना गया है। ओबामा अमेरिका के 44वें राष्ट्रपति रहे हैं। इस सर्वेक्षण में अब्राहम लिंकन को पहले, जार्ज वार्शिगटन को दूसरे तथा फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट को तीसरे स्थान पर रखा गया है। इस सर्वेक्षण में विभिन्न मुद्दों के आधार पर सबसे अच्छे राष्ट्रपतियों की सूची बनाई गई। इन मुद्दांे में नेतृत्व प्रदान करने की क्षमता, नैतिक प्राधिकार, अंतर्राष्ट्रीय रिश्ते और सबके लिए समान न्याय सुनिश्चित करने की कोशिश शामिल है। ओबामा ने खासकर सबसे अधिक समान न्याय की कोशिश वाले पैमाने पर उच्च अंक हासिल किए। हमें उम्मीद है कि अमेरिका के महान राष्ट्रपतियों की समान न्याय सुनिश्चित करने की कोशिशों को वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आगे बढ़ायेंगे। विश्व के शक्तिशाली देश अमेरिका के नये राष्ट्रपति के रूप में दुनिया की एक न्यायपूर्ण तथा लोकतांत्रिक विश्व व्यवस्था बनाने में योगदान करेंगे।
ब्रिटेन में 27 फरवरी से यूके. इंडिया ईयर आॅफ कल्चर समारोह की शुरूआत हो रही है। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निवास बकिंघम पैलेस में शुरू हो रहे इस कार्यक्रम की शुरूआत ए.आर. रहमान के ‘जय हो’ गीत से होगी जिसे आॅस्कर पुरस्कार मिल चुका है। यह साल 2009 की बाॅक्स आॅफिस हिट रही फिल्म स्लमडाॅग मिलियनेयर का गीत है। इसके साथ ही ग्रेनेडियर्स गाड्र्स का बैंड भी कई भारतीय धुने बजाएगा। इस तरह के समारोह दो देशों के लोगों के बीच प्रेम, आनंद, मित्रता तथा खुशी का संचार करते हैं। हमें पुरानी नकारात्मक बातों को भुलाकर ब्रिटेन के साथ मिलकर एक खुशहाल संसार के नव निर्माण की शुरूआत करनी चाहिए। अतीत में ब्रिटेन ने लगभग सारी दुनिया पर शासन किया है वह अपने इस वैश्विक अनुभव तथा जज्बे को दुनिया को प्रजातांत्रिक ढंग से चलाने के लिए उपयोग करेगा ऐसी हम ब्रिटेन तथा भारत के सामूहिक नेतृत्व से उम्मीद करते हैं।
पाकिस्तानी सीनेट ने हिन्दुओं के विवाह से संबधित विधेयक पारित कर दिया है। अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक कानून बन जाएगा। पाक मीडिया के अनुसार, पाकिस्तान के हिंदू इस विधेयक को व्यापक तौर पर कबूल करते हैं। इसमें हिन्दुओं के विवाह, विवाह के पंजीकरण, तलाक और पुनर्विवाह से संबंधित प्रावधान हैं। पाकिस्तानी हिन्दू सांसद रमेश कुमार वंकवानी के अनुसार पाक में किसी विवाहित हिंदू महिला के लिए यह साबित करना मुश्किल होता है कि वह विवाहित है। जबरन धर्मांतरण कराने में शामिल बदमाशों के लिए एक अहम औजार है। हमारा मानना है कि संसार के लोगों में इस सच्चाई को प्रचारित-प्रसारित किया जाना चाहिए कि ईश्वर एक है, धर्म एक है तथा मानव जाति एक है। धर्मों के बीच आज जो दूरियां हैं वह मनुष्य की अज्ञानता के कारण है।
पाकिस्तान ने 26/11 हमले के साजिशकर्ता हाफिज सईद को आतंकवाद निरोधक कानून की सूची में डाला है। आखिरकार पाकिस्तान ने पहली बार मुंबई हमलों के साजिशकर्ता हाफिज सईद को आतंकी माना है। पाक के पंजाब प्रांत की सरकार ने जमात-उद-दावा प्रमुख को आतंकवाद निरोधक कानून (एटीए) की सूची में डाल दिया है। पाकिस्तान को यह कदम बहुत पहले ही उठाना चाहिए था। आतंकवादी गतिविधियों को किसी भी हालत में प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए। किसी देश के निजी स्वाार्थो तथा ढिलाई के कारण ही आतंकवाद तथा अपराधों को पनपने का मौका मिलता है। देश तथा विश्व को कानून के ढंग से चलाने में ही मानव जाति की भलाई है। अर्थात कानून का राज होना चाहिए। बच्चे को परिवार के नियमों तथा स्कूल के नियमों का पालन करने की सीख देनी चाहिए। ताकि बड़ा होकर वह समाज के कानूनों का पालन करने वाला बनें। बच्चों को बाल्यावस्था ़से ही परिवार तथा स्कूल को मिलकर स्वतः कानून का पालक बनाना चाहिए।
सुखद खबर है कि घाटी की लड़कियां सिविल सर्विसेज के इम्तिहान की तैयारी कर रही हंै। वे पूरे साहस के साथ समाज का नेतृत्व करने के लिए आगे आ रहीं हैं। सुरक्षा बलों के हाथों मारा गया चरमपंथी बुरहान वानी जिस स्कूल में पढ़ता था उसी स्कूल तथा गांव की शाहिदा ने 12वीं की परीक्षा में टाॅप किया है, उसकी इच्छा डाक्टर बनने की है। शाहिरा ने अपनी मेहनत, मकसद, और हिम्मत के बल पर घाटी के मुश्किल हालातों में भी बोर्ड परीक्षा में सबसे ज्यादा अंक प्राप्त किये हैं। घाटी में अशांति के चलते चार महिनें तक शैक्षिक संस्थान बंद कर दिये गये थे। एक ही स्कूल का एक विद्यार्थी बना आतंकी, दूसरे ने 12वीं में टाॅप किया। एक विद्यार्थी ने अवसर को अभिशाप बना लिया दूसरे ने अवसर को वरदान। अपने जीवन को सही दिशा देने का निर्णय मनुष्य के अपने हाथ में है। आतंकवाद से पीड़ित क्षेत्रों में सरकार तथा निजी संस्थाओं को अधिक से अधिक रोजगार, गुणात्मक शिक्षा, खेलकूद, स्वस्थ मनोरंजन, सर्वसुलभ जन सुविधायें उपलब्ध कराने में अपना पूरा ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। ताकि किसी युवा के कदम आतंकवाद तथा हिंसा की राह पर बढ़ने से उन्हें समय रहते रोका जा सके। नेल्शन मण्डेला ने कहा था कि शिक्षा संसार का सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसके द्वारा सामाजिक परिवर्तन लाया जा सकता है।
सच्ची लगन से कोई काम शुरू करें तो उसे सफलता मिलना निश्चित ही है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के पिसावां विकास खंड के विभिन्न गांवों की 15 महिलाओं ने। गरीबी और बेरोजगारी के आगे हार न मानकर इन्होंने स्वरोजगार का अनूठा तरीका निकाला है। खास बात है कि इसमें इन्होंने घर से कोई पूंजी नहीं लगाई है। अपने हल्के श्रम के बूते इन महिलाओं को हर माह अच्छी आमदनी हो रही है। ये महिलाएं सड़क किनारे उगने वाली जंगली घास से उपयोगी सामान बनाती हैं। वे इस जंगली घास को सुखाने के बाद उससे डलिया, पेन स्टैंड, गुलदस्ता स्टैंड, कप स्टैंड, चटाई आदि बनाकर उसे आसपास के बाजारों में बेचती हैं। स्थानीय हस्त तथा लोक कलाओं का हमें सम्मान करना चाहिए। साथ ही हस्त निर्मित चीजों को स्वरोजगार का जरिया बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। हर हाथ को काम दिलाना हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
समुद्र के रास्ते विश्व भ्रमण पर जाने वाली भारतीय नौसेना की महिला अधिकारियों के दल का नेतृत्व उत्तराखंड के श्रीनगर निवासी लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी करेंगी। इस बीच गोवा में एक समारोह में आईएनएसवी तारिणी पाल नौका को नौसेना में शामिल कर लिया गया। आईएनएसवी तारिणी में सवार होकर छह महिला अधिकारियों का दल बिना रूके अगस्त 2017 में गोवा से समुद्र के रास्ते विश्व की परिक्रमा करेगा। इसे नौसेना का अति महत्वकांक्षी अभियान माना जा रहा है। इससे पूर्व वर्तिका म्हदेई पाॅल नौका से विश्व भ्रमण कर चुकी है। हमारा विश्वास है कि 21वीं सदी नारी सदी है। इस नई सदी में महिलायें विश्व के सभी क्षेत्रों का नेतृत्व करेगी। नारियों में ममता तथा करूणा के गुण जन्मजात होते हैं। विश्व का नेतृत्व जब पूरी तरह से नारियां करेगी तब विश्व में शान्ति और एकता स्थापित हो जायेगी।
चीन के एक्शन किंग जैकी चैन की फिल्म ‘कुंग फू योगा’ आने वाली है। इस फिल्म में सोनू सूद, दिशा पटानी जैसे भारतीय कलाकारों ने भी काम किया है। फिल्में विश्व के देशों को कला और संस्कृति से जोड़ने का सशक्त माध्यम है। इस तरह की ग्लोबल फिल्में अधिक से अधिक बनायी जानी चाहिए। फिल्मों के द्वारा संसारवासियों को एकता, प्रेम तथा भाईचारे का संदेश व्यापक रूप से दिया जा सकता है। सिनेमा की पहुंच दुनिया के हर व्यक्ति के तक है। एक्शन किंग जैकी चैन ने सारे संसार के सबसे लोकप्रिय हीरो की सूची में स्थान बनाया है। लोकप्रिय कलाकार युवा पीढ़ी के रोल माॅडल होते हैं यदि फिल्मों के द्वारा विश्व में एकता तथा शान्ति स्थापित करने के विचारों को प्रदर्शित किया जायेगा तो फिल्मों से शान्ति तथा एकता का सन्देश व्यापक रूप से सारी मानव जाति में जायेगा।
संचार क्रांति और सूचना तकनीक के क्षेत्र में बेहद तेजी से हो रहे विकास और तूफानी परिवर्तन ने आज पूरी दुनिया में आर्टिफिशल इंटेलीजेंस की ऐसी हुकूमत कायम कर दी है कि अब इंसान को कुछ भी याद रखने की जरूरत महसूस नहीं होती है। टेक्नोलाजी के सहारे सब कुछ करने और पा लेने की अंधी दौड़ अब हमारी जीवनशैली का हिस्सा बन चुकी है। खतरा ये है कि इससे हमारी स्मरण शक्ति कमजोर होते-होते, एक दिन जवाब देने के कगार पर भी पहुंच सकती है। आर्टिफिशल इंटेलीजेंस के बुरे परिणामों को ध्यान में रखते हुए मानव जाति को अब अपने कदम आगे बढ़ाने चाहिए। हमें तकनीक पर अपने को पूरी तरह निर्भर नहीं बनाना चाहिए। हमें जीवन को नकारात्मक विचारों की कैद नहीं वरन् सकारात्मक विचारों का खेल का मैदान बनाकर जीना चाहिए। जीवन में खेल, योग, व्यायाम, स्वस्थ विचारों, प्राकृतिक जीवन शैली, संगीत, कला को भी महत्वपूर्ण स्थान देना चाहिए।
सारे विश्व में लोकतंत्र तथा शांति कायम रखने का दायित्व संयुक्त राष्ट्र संघ का है। मगर संयुक्त राष्ट्र संघ के भीतर ही लोकतांत्रिक मूल्यों की कमी दिखती है। जिसे हम हाल की ही एक घटना में देख सकते हैं, जो जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया पर पाबंदी लगाने से जुड़ी है। जब उस पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र संघ में पेश किया गया, तो चीन ने अड़ंगा लगा दिया, जबकि संयुक्त राष्ट्र संघ के ज्यादातर सदस्य इसके पक्ष में हैं, यहां तक कि स्थायी सदस्य भी। अगर संयुक्त राष्ट्र को वाकई लोकतांत्रिक बनाना है, तो जरूरी है कि वह अपने स्थायी सदस्य देशों की संख्या बढ़ाए और बहुमत के आधार पर फैसला ले।
हमारा सुझाव यह भी है कि संयुक्त राष्ट्र संघ को शक्ति प्रदान करके प्रजातांत्रिक ढंग से गठित विश्व संसद का स्वरूप प्रदान करना चाहिए। इस प्रयास से एक न्यायपूर्ण विश्व व्यवस्था बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा। पांच शक्तिशाली देशों अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन तथा फ्रान्स को प्राप्त वीटो पाॅवर का अधिकार तत्काल समाप्त किया जाना चाहिए। इस प्रकार ही संयुक्त राष्ट्र संघ को निष्पक्ष संस्था बनाया जा सकता है। अन्तर्राष्ट्रीय विवादों का हल संसार की कोई सबसे बड़ी निष्पक्ष संस्था ही पंच की भूमिका निभाकर कर सकती है। इस दिशा में हमें प्रभावशाली विश्व न्यायालय का गठन भी करना पड़ेगा।
प्रदीप कुमार सिंह, शैक्षिक एवं वैश्विक चिन्तक
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एल्डिको, रायबरेली रोड, लखनऊ-226025
मो. 9839423719