एक तरफ विश्व में जो हो रहा है उसकी सच्चाई तथा दूसरी तरफ जो होना चाहिए वह सच्चाई
अमेरिकी खुफिया विभाग ने अपनी एक नई रिपोर्ट में रूस के राष्ट्रपति पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ में जीत हासिल करने में डोनाल्ड ट्रंप की मदद के लिए और उनकी विपक्षी हिलेरी क्लिंटन को बदनाम करने के लिए एक अभियान चलाने का आदेश दिया था। इसका मूल उद्देश्य अमेरिकी के लोकतंत्र में जनता का विश्वास को कमजोर करना था। व्हाइट हाउस ने 31 वर्षीय रूसी लड़की अलिसा सेवहेंको और उनकी कंपनी ‘जेडओआर’ का नाम ब्लैकलिस्ट किया है। व्हाइट हाउस के मुताबिक अलिसा एक हैकर हैं और उसकी मदद से ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश की। अलिसा व उनकी कंपनी ने व्हाइट हाउस के दावे का खारिज किया है।
हमारे साइवर विशेषज्ञों को इस घटना से सबक सीखना चाहिए। डिजीटल युग में इस तरह के खतरें किसी देश की सुरक्षा तथा सरकारी मशीनरी को फेल करने के लिए बने रहते हंै। युवा पीढ़ी को इससे निपटने के लिए उच्चतम तकनीकी की समझ से लेस होना चाहिए। यदि जांच में रूस का किसी दूसरे देश के चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप सही पाया जाता है। तो यह काफी दुखदायी है। प्रत्येक देश की अपनी संप्रभुता होती है। विश्व के प्रत्येक देश को दूसरे देश की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। दोषी देश पर कड़ी कार्यवाही करने के लिए एक प्रभावशाली विश्व न्यायालय का गठन करना चाहिए। वर्तमान में इण्टरनेशनल कोर्ट आॅफ जस्ट्सि की विश्व में प्रभावशाली भूमिका नहीं है। इस न्यायालय के कानून बाध्यकारी नही है। इस कारण से प्रायः अनेक देश मनमानी करते रहते हैं।
अफगानिस्तान में लगातार बिगड़ते हालात और तालिबान की बढ़ती ताकत से परेशान अमेरिका ने अपने सबसे अधिक कुशल मरीन सैनिकों को दोबारा वहां भेजने का फैसला किया है। अमेरिकी सरकार के मुताबिक 300 मरीन की अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत में मार्च 2017 से तैनाती की जाएगी। ये सैनिक अफगान सैनिकों के प्रशिक्षण के साथ-साथ नाटो मिशन में भी मदद करेंगे। हेलमंद तालिबान का गढ़ रहा है और एक बार फिर वे इलाके में मजबूत हो रहे हैं। इन इलाके में मादक पदार्थों जैसे अफीम का उत्पादन भी बढ़ गया है। अमेरिका का तालिबान पर रोक लगाने का यह एक अच्छा कदम है।
संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में जलवायु परिवर्तन से जुड़ी जो वैश्विक रिपोर्ट पेश की है, उसने एक बार फिर बांग्लादेश जैसे देशों के संकट को उजागर किया है, खासकर पर्यावरण और सामाजिक-आर्थिक असर के लिहाज से। रिपोर्ट ने एक बार फिर दोहराया है कि टिकाऊ विकास लक्ष्यों को पाने की राह में जलवायु परिवर्तन बड़ी बाधा के रूप में खड़ी है। संयुक्त राष्ट्र की जलवायु परिवर्तन से जुड़ी वैश्विक रिपोर्ट सचमुच चिन्ता का विषय है। जलवायु परिवर्तन तथा बिगड़ते पर्यावरण अन्तर्राष्ट्रीय समस्याऐं बन गयी हंै। यह किसी एक देश तक सीमित नहीं है। जलवायु परिवर्तन तथा बिगड़ते पर्यावरण का असर सारे विश्व पर पड़ रहा है। अब इन दोनों समस्याओं का समाधान कोई एक देश नहीं निकाल सकता। एक न्यायपूर्ण विश्व व्यवस्था बनाकर ही इसका समाधान खोजा जा सकता है। टिकाऊ विकास लक्ष्यों को अर्जित करने के लिए भारत को इस दिशा में पहल करना चाहिए। भारत के सामने इस मुद्दे पर सभी देशों को एकजुट करने की चुनौती है।
पाक की हर नापाक चाल पर उसके साथ खड़ा हो रहा चीन अपनी कुटिल चाल से बाज नहीं आ रहा। एक नई सेटेलाइट तस्वीर में सामने आई है जिसे लेकर चर्चा है कि पिछले साल परमाणु हमले के लिए सक्षम चीन की पनडुब्बी पाकिस्तान में कराची के हार्बर में मई 2016 में तैनात देखी गई। यह पनडुब्बी टाइप 091 के मुकाबले ज्यादा सक्षम होती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि इससे आवाज कम होती और इसकी तैनाती का पता लगाना बेहद मुश्किल होता है। इसमें सबमैरीन मिसाइलें तथा उच्च क्षमता वाली एंटी शिप मिसाइलें तैनात की जा सकती हैं। चीन की राजधानी बीजिंग में खतरनाक स्तर पर पहुंच चुके वायु प्रदुषण से अब विशेष पर्यावरण पुलिस निपटेगी। सरकार ने विशेष पर्यावरण पुलिस के गठन करने का एलान किया। वायु प्रदुषण अब किसी एक देश की नहीं वरन् अन्तर्राष्ट्रीय समस्या बन गया है। चीन में वायु प्रदुषण से निपटने के लिए गठित विशेष पर्यावरण पुलिस से विश्व के अन्य देशों को भी सीख लेकर अपने देश में इस तरह की पुलिस गठित करनी चाहिए।
सीरिया के विद्रोहियों के कब्जे वाले अजज शहर में 7 जनवरी को हुए एक कार धमाके में कम से कम 43 लोगों की मौत हो गई। ब्रिटेन स्थित सीरियन आॅब्जवेर्टरी फाॅर हृयूमेन राइट्स के मुताबिक हमले में दर्जनों लोग घायल हुए हैं। विस्फोट की यह घटना एक इस्लामी अदालत के सामने स्थित बाजार में हुई। इजरायल के येरूशलम शहर में 8 जनवरी 2017 को बर्लिन हमले की तर्ज पर एक आतंकी ने भीड़ पर जानबूझकर ट्रक चढ़ा दिया। इस हमले में चार सैनिकों की मौत हो गई, जबकि 15 अन्य घायल हुए हैं। इस बीच, पुलिस ने हमलावर को मार गिराया है। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने कहा कि हमलावार फलस्तीनी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट का समर्थक है। हमें उसकी पहचान और मंसूबे का पता चल गया है।
सीमा पार से जारी आतंकवाद का समर्थन करने वाला पाकिस्तान अब भारत को ही अपने देश में आतंकवाद और हस्तक्षेप का दोषी ठहरा रहा है। पाकिस्तान ने एक डाॅजियर यूनाइटेड नेशंस (यूएन) के नए महासचिव एंटोनियो गुटेरेश को साँपा है। इस डाॅजियर में पाकिस्तान ने भारत पर कई और तरह के गंभीर आरोप भी लगाए हैं। यह तो वहीं बात हुई कि उलटा चोर कोतवाल को डांटे। भारत एक शान्तिप्रिय तथा शक्तिशाली देश है। हमारा ध्येय है सत्य मेय जयते। सत्य की सदैव जीत होती है।
सर्जिकल स्ट्राइक और पाकिस्तान से तनातनी के बीच इस बार भारत के रक्षा बजट में ज्यादा बढ़ोतरी होने की संभावना है। रक्षा मंत्रालय ने 30 फीसदी तक बढ़ोतरी की मांग की है। अनुमान है कि वित्त मंत्रालय 20-22 फीसदी तक की वृद्धि को मंजूरी दे सकता है। सैन्य बलों के आधुनिकीकरण और रक्षा सौदों के भुगतान आदि चलते भी ज्यादा बजट की दरकार है। सरकार की तरफ से तीनों सेनाओं को अगले 15 सालों की चुनौतियों के मद्देनजर योजना बनाने को कहा गया है। चीन की चुनौतियों से निपटने के लिए सेना की माउंटेन कमान बनाने का कार्य चल रहा है। सेना के नए प्रमुख साइबर और स्पेस कमान जैसी परियोजनाओं को मूर्त रूप देना चाहते हैं। इसके लिए बजट का अलग से आवंटन होगा। आतंकवादी देशों से सेना के तरीके से निपटना ही चाहिए। आगे संवेदनशील क्षेत्रों में नये आतंकवादी पैदा न हो इसके लिए हमारा फोकस शिक्षा, रोजगार, चिकित्सा, स्वस्थ मनोरंजन-खेल, पुर्नवास आदि पर भी होना चाहिए।
भारत इजरायल से सुरंग खोजने की तकनीक साझा करना चाहता है। भारत सरकार चाहती है कि सुरंग खोजने के उपकरण भारत में ही तैयार हों। इसके लिए भारतीय कंपनियों व संस्थानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। सुरंग खोजने के लिए उपकरण का उपयोग पाक से लगी सीमाओं पर संवेदनशील बिन्दुओं पर किया जाना है। नगरोटा हमले में आतंकियों ने सुरंग के रास्ते घुसपैठ की थी। उपकरण मेक इन इंडिया के जरिये बनेंगे। भारत द्वारा इस तकनीक को अपनाने का हम स्वागत करते हैं। आगे हमारा सुझाव है कि भारत को अपने विभिन्न देशांे में स्थित दूतावासों के माध्यम से अपनी संस्कृति, सभ्यता तथा संविधान का प्रचार पूरे विश्व में करना चाहिए।
एक समाचार के अनुसार भारत सतह से हवा में मार करने में सक्षम स्वदेशी आकाश मिसाइल को वियतनाम को बेचने की संभावनाओं पर विचार कर रहा है। दोनों देशों के बीच यह समझौता चीन के एशिया-पैसेफिक क्षेत्र में बढ़ते दबदबे के चलते भी संभव है। जैश ए मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र के आंतकियांे की सूची में शामिल करने से रोकने और एनएसजी में अंड़गे के चलते भारत की रिपोर्ट में बताया गया है कि आकाश मिसाइल को लेकर वियतनाम से बातचीत चल रही है। इसे चीन को घेरने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।
आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची में शामिल कराने की भारत की कोशिशों पर हर बार अड़ंगा लगाने वाले चीन के अंदर पहली बार विरोध के सुर उठे हैं। चीन स्वयं आतंकवाद से पीड़ित देश है। उसे एक परिपक्व देश की तरह अपने लोगों की आवाज को सुनते हुए जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को आतंकवादी सूची में शामिल करने के लिए भारत का समर्थन करना चाहिए। इस तरह का कदम उठाने से चीन की लोकप्रियता विश्व में बढ़ेगी। यह कदम चीन के लिए ग्लोबल बिजनेश की दृष्टि से भी लाभकारी होगा।
अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ मुहिम में भारत के सहयोग की प्रशंसा की है। व्हाइट हाउस ने कहा कि भारत की साझेदारी की वजह से दुनिया भर में कई आतंकी हमलों को नाकाम करने में सफलता मिली है। साथ ही ओबामा प्रशासन की आठ साल की उपलब्धियों में भारत से संबंधों को एक बताया है। व्हाइट हाउस ने कहा कि ओबामा प्रशासन के रहते भारत परमाणु आपूर्ति समूह (एनएसजी) का सदस्य नहीं बन सका। लेकिन भारत का इंतजार लंबा नहीं है। सदस्यता की प्रक्रिया जारी है और हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही भारत समूह का पूर्णकालिक सदस्य होगा। विश्व के अनेक देशों ने सुरक्षा के नाम पर भारी संख्या में घातक परमाणु हथियार तैयार कर लिये हैं। हमें शान्तिपूर्ण ढंग से दुनिया को चलाने का रास्ता खोजना पड़ेगा। शस्त्रों की होड़ मानव जाति के सुरक्षित भविष्य का विकल्प नहीं बन सकता। वैश्विक युग में हमारा फोकस सारे विश्व को सुरक्षित बनाने में भी होना चाहिए। जिस प्रकार हमने प्रथम विश्व युद्ध को रोकने के लिए लींग आॅफ नेशन्स, द्वितीय विश्व युद्ध को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ, यूरोप में युद्धों को रोकरने के लिए यूरोपियन यूनियन की स्थापना की थी। उसी प्रकार विश्व को शान्तिपूर्ण ढंग से चलाने के लिए सभी देशों को मिलकर विश्व सरकार बनानी होगी।
सूरीनाम के उपराष्ट्रपति माइकल अश्विन ने कहा कि विश्व में शांति व समृद्धि के लिए भारत का विश्व शक्ति बनना जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘भारत अपनी महान आध्यात्मिक, सांस्कृतिक विरासत के बूते ऐसा कर सकने में सक्षम है।’ वे बंेगलुरू में 7 से 9 जनवरी 2017 तक आयोजित हुए प्रवासी दिवस सम्मेलन को विशिष्ट अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि एक शक्तिशाली एवं प्रभावशाली भारत इसलिए चाहिए ताकि वसुधैव कुटुम्बकम् का मंत्र दुनिया में वास्तविक अर्थ में लागू हो सके। भारत आर्थिक एवं सैन्य शक्ति बने और उसके आध्यात्मिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक बल से गरीबी, असमानता को दूर करके सही मायने में आदर्श एकरूपता कायम हो। इस प्रवासी सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। समापन राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी द्वारा किया गया।
अमेरिकी राष्ट्रपति की पत्नी और देश की पहली महिला नागरिक मिशेल ओबामा ने अमेरिका में किशोरों को शिक्षा के अवसर मुहैया कराने से संबंधित शिक्षा अभियान छात्र सलाहकार बोर्ड के लिए भारतीय मूल की 16 वर्षीय अमेरिकी किशोरी श्वेता प्रभाकरण को चुना है। शक्तिशाली देश अमेरिका, ब्रिटेन आदि में वर्तमान में भारतीय मूल के लोग महत्वपूर्ण पदों का दायित्व निभा रहे हैं। यह भारतीय संस्कृति के मूल विचार ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ का जीवन्त उदाहरण है। आने वाले समय में भारत ही विश्व एकता तथा शान्ति स्थापित करेगा। आज देशों को चलाने के लिए अपनी-अपनी संसद तथा अपना संविधान है लेकिन विश्व को चलाने के लिए उसकी कोई संसद तथा संविधान नहीं है। विश्व की शान्ति की सबसे बड़ी संस्था संयुक्त राष्ट्र संघ को शक्ति प्रदान कर विश्व संसद का स्वरूप दिया जाना चाहिए। आधुनिक तकनीक तथा उन्नत संचार माध्यमों ने अब विश्व को एक ‘ग्लोबल विलेज’ का स्वरूप प्रदान किया है तथा हम सभी इस ‘ग्लोबल विलेज’ के वासी है। भारत को ऐसे कदम उठाने चाहिए जिससे विश्व भर के मानव संसाधन को मानव जाति के कल्याण में अधिक से अधिक लगाया जा सके। विश्व पराया नहीं है यह हमारा अपना ही है। विश्व सुरक्षित रहेगा तो इसमें स्थित सभी देश भी सुरक्षित रहेंगे। विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रितक देश भारत पर विश्व को युद्धरहित तथा आतंकवाद रहित बनाने का बड़ा दायित्व है। गुफाओं से शुरू हुई मानव सभ्यता अब अपने विकास के स्वर्णिम युग में प्रवेश से बस एक कदम दूर है।
प्रदीप कुमार सिंह, शैक्षिक एवं वैश्विक चिन्तक
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एल्डिको, रायबरेली रोड, लखनऊ-226025
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