Homeआध्यात्मिक न्यूज़‘मानवता का धर्म’ ही सभी धर्मों का सार है

‘मानवता का धर्म’ ही सभी धर्मों का सार है

‘मानवता का धर्म’ ही सभी धर्मों का सार है

लखनऊ, 5 जनवरी। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर आॅडिटोरियम में आयोजित विश्व एकता सत्संग में बोलते हुए सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका, प्रख्यात शिक्षाविद् एवं बहाई अनुयायी डा. भारती गाँधी ने कहा कि सभी धर्मों का सार एक ही है और वह है ‘मानवता का धर्म’ अर्थात सभी मनुष्यों की भलाई के लिए कार्य करना। सभी धर्म हमें एक ही ईश्वर की ओर ले जाते हैं और सभी पवित्र पुस्तकें जैसे गीता, बाइबिल, कुरान, गुरु ग्रन्थ साहब व किताबे-अकदस आदि सब यही सिखाते हैं कि हम सब एक ही परमात्मा की संताने हैं। न काई ऊँचा, न कोई नीचा, मानवता ही हमारा मूल धर्म है। हमें अपना जीवन मानव कल्याण के लिए अर्पित करना चाहिए। आगे बोलते हुए डा. गाँधी ने कहा कि सत्संग भी एक प्रकार की शिक्षा है। शिक्षा के तीन रूप है – भौतिक, सामाजिक व आध्यात्मिक। यहाँ सत्संग में आध्यात्मिक शिक्षा दी जाती है। सत्संग में सभी धर्मों के अनुयायी साथ में बैठकर ईश्वर को याद करते हैं और सभी के हृदयों में एकता व शान्ति का और भाईचारे का संचार होता है। इससे पहले, विश्व एकता सत्संग का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन एवं सी.एम.एस. के संगीत शिक्षकों द्वारा सुमधुर भजनों से हुआ।

विश्व एकता सत्संग में आज सी.एम.एस. जाॅपलिंग रोड कैम्पस के छात्रों ने आध्यात्मिक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों की सुन्दर प्रस्तुतियों से उपस्थित सत्संग प्रेमियों को भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम को शुभारम्भ स्कूल प्रार्थना ‘हे मेरे परमात्मा’ से हुआ। इसके उपरान्त छात्रों ने प्रार्थना गीत, कबीर के दोहे, समूह गान आदि एक से बढ़कर एक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। जहाँ एक ओर, प्रार्थना गीत ‘सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम’ एवं ‘साँसों का ये खजाना’ आदि ने खूब तालियां बटोरी तो वहीं दूसरी ओर माताओं द्वारा प्रस्तुत गीत ‘जय जगत, जय जगत’ को सभी ने सराहा। इस अवसर पर कई जाने-माने विद्वानों एवं विभिन्न धर्मावलम्बियों ने भी अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किये। अन्त में सत्संग की संयोजिका श्रीमती वंदना गौड़ ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।

(हरि ओम शर्मा)
मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी
सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ

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