क्या है, शिव चालीसा पड़ने का महत्व
पूजा पाठ में शिव चालीसा का बहुत महत्व है। शिव चालीसा के सरल शब्दों से भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है। शिव चालीसा के पाठ से कठिन से कठिन कार्य को बहुत ही आसानी से सफल किया जा सकता है। शिव चालीसा की 40 पंक्तियां सरल शब्दों में विद्यमान है, जिनकी महिमा बहुत ही ज्यादा है। भोले स्वभाव के होने के कारण भगवान भोले भंडारी शिव चालीसा के द्वारा ही भक्तों को अपना आशीर्वाद दे देती है।
आइए, अब हम शिव चालीसा की अलग अलग पंक्तियों का अर्थ और उन्हें करने का तरीका जानते है:
मन का भय यदि है तो निम्न पंक्ति पढ़ें-
जय गणेश गिरीजा सुवन’ मंगल मूल सुजान|
कहते अयोध्या दास तुम’ देउ अभय वरदान||
– इस पंक्ति को 27 बार सुबह भगवान शिव के सामने पढें।
दुखों से मुक्ति पाने के लिए ये पंक्ति पढ़ें-
देवन जबहिं जाय पुकारा’ तबहिं दुख प्रभु आप निवारा||
– इस पंक्ति को 11 बार रात्रि में पढ़ कर सोएं और कार्य सिद्ध हो जाने पर निर्धन लोगों को सफेद मिठाई जरूर बांटें।
किसी भी कार्य को सिद्ध करने के लिए ये पंक्ति पढ़ें-
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा’ जीत के लंक विभीषण दीन्हा||
– इस पंक्ति को 13 बार शाम के समय पढ़ें. ऐसा लगातार 27 दिन जरूर करें।
मनोवांछित वर प्राप्ति के लिए करें इस पंक्ति का पाठ करें-
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर’ भाई प्रसन्न दिए इच्छित वर||
– इस पंक्ति को मनोवांछित वर की प्राप्ति के लिए सुबह के समय 54 बार पाठ करें।
– ऐसा आपको 21 दिन करना है।
शिव चालीसा कैसे देगी मनचाहा वरदान-
– ब्रह्म मुहूर्त में एक सफेद आसन पर बैठें।
– उत्तर पूर्व या पूर्व दिशा की तरफ मुंह करें।
– गाय के घी का दिया जला कर शिव चालीसा का 11 बार पाठ करें।
– जल का पात्र रखे और मिश्री का भोग लगाएं।
– एक बेलपत्र भी उल्टा करके शिवलिंग पर अर्पण करें।
– मनचाहे वरदान की इच्छा करें और यह पाठ 40 दिन लगातार करें
– तेजस्वनी पटेल, पत्रकार
(+91 9340619119)