जानें, क्या कुंडली में है सर्जरी के योग
कुंडली में रक्त और सुरक्षा का कारक मंगल होता है। स्वास्थ्य की हर तरह की मजबूती मंगल ही प्रदान करता है। मंगल खून खराबे का स्वामी भी होता है और हिंसा भी करवाता है परन्तु जब यही हिंसा व्यक्ति के कल्याण के लिए हो तो इसे शल्य चिकित्सा कहा जाता है। मूल रूप से मंगल ही शल्य चिकित्सा के लिए जिम्मेदार होता है। शल्य चिकित्सा के लिए अग्नि राशियां और अग्नि तत्व की सबसे बड़ी भूमिका होती है। वृश्चिक राशि को भी शल्य चिकित्सा से जोड़ा जाता है।
कब व्यक्ति की शल्य चिकित्सा होती ही है ?
– कुंडली में अग्नि तत्व की मात्रा ज्यादा होने पर
– कुंडली में मंगल के पापक्रान्त होने पर
– शनि का सम्बन्ध अग्नि राशियों से होने पर
– छठवें भाव में ज्यादा ग्रहों के होने पर
– हाथ में तारा या द्वीप होने पर
– हथेलियों का रंग लाल होने पर
– नाखूनों के टेढ़े मेढ़े होने पर
कब व्यक्ति शल्य चिकित्सा से बच जाता है ?
– कुंडली में बृहस्पति या शुक्र के मजबूत होने पर
– केंद्र में केवल शुभ ग्रहों के होने पर
– शुभ दशा आ जाने पर
– छोटी मोटी दुर्घटना या चोट चपेट लग जाने से
– अगर व्यक्ति का जन्म एकदम सुबह का हो या संध्याकाळ का हो
कुंडली में अगर शल्य चिकित्सा के योग हों तो उससे बचने के लिए क्या करें ?
– लाल पुष्प से नृसिंह भगवान की उपासना करें
– उनके मंत्रों का नियमित जप करें
– यथाशक्ति रक्तदान करें
– दक्षिण दिशा की तरफ सर करके सोएं
– माह में एक बार पूर्णिमा का उपवास जरूर रक्खें
– सलाह लेकर एक पुखराज या ओपल धारण करें
– तेजस्वनी पटेल, पत्रकार
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