जानें, क्या होती है आत्मा और क्या वो अच्छी बुरी भी होती है?
आत्मा के बारे में सबसे प्रमाणिक उल्लेख भगवदगीता में मिलता है। कहा गया है कि आत्मा अविनाशी है, इस पर किसी भी प्राकृतिक भाव का असर नहीं होता।आत्मा पर किसी भी प्रकार की चीजें असर नहीं करती। आत्मा का एक ही स्वाभाविक गुण है, स्वाभाविक रूप से प्रसार करना और ईश्वर में विलीन होना। जब तक आत्मा ईश्वर के अपने मुख्य बिंदु तक नहीं पहुंचती, तब तक शरीर बदलता रहता है।
क्या आत्मा को देखा जा सकता है?
– आत्मा को देखना सामान्य रूप से सम्भव नहीं है
– इसके लिए ईश्वर की कृपा और सूक्ष्म दृष्टि चाहिए
– आत्माओं के अन्दर पृथ्वी तत्त्व नहीं होता, अतः वायु के सामान गमनशील होती हैं
– सामान्य रूप से आत्माओं का अनुभव होने पर सुगंध का अनुभव होता है, या कोई गंध सी आती है
क्या आत्माएं अच्छी या बुरी होती हैं?
– आत्माएँ अच्छी या बुरी नहीं होतीं
– इनके साथ जुड़े हुये संस्कार या जुड़ा हुआ मन अच्छा या बुरा होता है
– बुरे संस्कार होने से आत्माओं का प्रयोग किया जा सकता है
– और ये प्रयोग आम तौर पर अविद्या तांत्रिक करते हैं
– विदेही मन का दुरूपयोग करके तांत्रिक दूसरों को परेशान करते हैं
अगर किसी कुसंस्कार वाली आत्मा का प्रभाव हो तो क्या करें?
– भगवान शिव या श्रीकृष्ण की शरण में रहें
– ज्यादा से ज्यादा भजन और कीर्तन करें
– अपनी आदतों और संस्कारों को शुद्ध रखें
– अपने कर्मों को सुधार लें
– तेजस्वनी पटेल, पत्रकार
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