जानें, कौन सी गलतियों से आती है घर में दरिद्रता
जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह और चंद्रमा को स्त्री कारक ग्रह माना जाता है। शुक्र ग्रह और चंद्रमा की पूजा करने से महालक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। शुक्र और चंद्रमा की प्रसन्नता के लिए घर में काले और नीले रंग का प्रयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए। अपने घर के दक्षिण पूर्वी भाग में रसोई घर जरूर बनाएं। हर रोज रसोई घर में काम करने से पहले घर की महिलाएं घर की इसी दिशा में एक दिया जरूर जलाएं। उसके बाद ही रसोई घर का कार्य आरंभ करें।
घर की महिलाएं रसोई घर में बिना स्नान किए कोई भी कार्य ना करें। हमेशा अपनी रसोई घर में मां अन्नपूर्णा की फोटो जरूर स्थापित करें। जब भी कार्य आरंभ करें मां अन्नपूर्णा की सबसे पहले दर्शन करें। ऐसा करने से घर के सभी लोग स्वस्थ रहेंगे और भोजन भी स्वादिष्ट बनेगा और साथ ही साथ भगवान लक्ष्मीनारायण जी की कृपा जरूर होगी।
कौन-कौन सी छोटी-छोटी गलतियां करके आपके घर में दरिद्रता का वास होता है-
– जिस घर में महिलाओं का सम्मान नहीं होता है, वहां शुक्र और चंद्रमा की अशुभता के कारण घर में दरिद्रता का वास होता है।
– घर के दक्षिण पूर्वी कोने में अर्थात आग्नेय कोण में जलभराव रखने से वहां वास्तु दोष उत्पन्न होता है, जिससे घर में हमेशा के लिए दरिद्रता का वास हो जाता है।
– हर रोज रात्रि में देर तक जागने और सुबह देर से उठने से भी शनि और चंद्रमा का दुष्प्रभाव आने के कारण घर में दरिद्रता आने लगती है।
– घर मे छोटी-छोटी बातों पर आपसी कलह के कारण भी घर की आर्थिक स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होने लगती है।
– घर मे इधर-उधर गन्दे कपड़ों का होना तथा टूटी फूटी चीजों को जमा करके रखने से भी मां लक्ष्मी नाराज होती हैं।
– खासतौर पर अपनी पत्नी का अपमान करने से मां लक्ष्मी आपके घर का रास्ता ही भूल जाती हैं और आपको धन के लिए दर-दर भटकना पड़ता है।
भगवान लक्ष्मीनारायण जी को प्रसन्न करने का महाउपाय-
– सुबह जल्दी उठकर नहा धोकर साफ कपड़े पहनें।
– गेहूं के आटे का एक दीया बनाएं।
– दीए में कलावे की बाती के साथ देसी घी और देसी कपूर रखें।
– श्री लक्ष्मी नारायण जी के सामने यह दीया जलाएं।
– ॐ ह्रीं श्रीं महालक्ष्मये नमः मन्त्र का 108 बार लाल आसन पर बैठकर पाठ करें।
– अपना मुंह उत्तर दिशा की तरफ रखे और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
– अपने घर मे अन्न, धन और बरकत के लिए प्रार्थना करें।
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का महामंत्र-
– शुक्ल पक्ष के शुक्रवार के दिन शाम के समय स्नान करके एक लाल आसन पर बैठें और अपना मुंह उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ रखें।
– अब अपने सामने एक सवा मीटर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर श्री लक्ष्मी नारायण जी की फोटो स्थापित करें और गाय के घी का दीया जलाएं।
– एक शुद्ध स्फटिक की माला से ॐ दारिद्रध्वंसनी नमः मंत्र का 5 माला जाप करें।
– जाप के बाद भगवान लक्ष्मीनारायण को गुलाब का इत्र अर्पण करें और उसी इत्र को हर रोज इस्तेमाल करें।
– तेजस्वनी पटेल, पत्रकार
(+91 9340619119)