जाने, महालक्ष्मी का कौन सा मंत्र आपको धन – संपत्ति में लाभ देगा
श्रीहरी विष्णु की पत्नी देवी महालक्ष्मी धन, संपत्ति, वैभव तथा सुख की अधिष्ठात्री देवी हैं। पौराणिक मतानुसार, देवी लक्ष्मी का जन्म समुद्रमंथन से हुआ था। समुद्र से उत्त्पन्न समस्त अमूल्य रत्न, जैसे शंख, मोती व कौड़ी की अधिष्ठात्री देवी महालक्ष्मी ही हैं। कौड़ी एक रत्न है जो की धन के समान ही मूल्यवान हैं। प्राचीन काल में कौड़ी रत्न से ही व्यापार, क्रय-विकार इत्यादि का कार्य होता था।
राशि अनुसार करें ये उपाय
मेष: चंदन से तिजोरी “श्रीं” लिखें।
वृष: महालक्ष्मी पर चढ़ा दही शक्कर खाएं।
मिथुन: पक्षियों के लिए चावल रखें।
कर्क: सफ़ेद गाय को जौ खिलाएं।
सिंह: किसी भिखारी को रेशमी कपड़ा दान करें।
कन्या: कंठ पर इत्र लगाए।
तुला: मुलतानी मिट्टी का इस्तेमाल करें।
वृश्चिक: बेडरूम में कर्पूर जलाएं।
धनु: शाम के समय तुलसी पर शुद्धघी का दीपक करें।
मकर: नाभि पर इत्र लगाएं।
कुंभ: लक्ष्मी मंदिर में आटा दान करें।
मीन: सफ़ेद गाय को मीठे चावल खिलाएं।
मनी मंत्र
पैसे की तंगी को खतम करने के लिए महालक्ष्मी का ध्यान करके इच्छानुसार देसी खंड और श्रीसूक्त का पाठ करें। इसके बाद चड़ी हुई देसी खंड किसी सुहागन ब्राह्मणी को दान दें।
महाउपाय-
अगर आपका धन मंदा पड़ गया है तो 12 बुधवार इस प्रयोग को अपनाए, 12 कौड़ी जलाकर उसकी राख़ बना लें और उस राख को हरे कपड़े में बांधकर जलप्रवाह करें।
– तेजस्वनी पटेल, पत्रकार
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