34 – इच्छाधारी नागिन | Icchadhari Nagin | Tilismi Kahaniya | Moral Stories
तो पिछले एपिसोड मे आप ने देखा कि चारों राजकुमारों ने करण और उस के बाकी मित्रों को बंधक बना लिया था परंतु करण और उस के बाकी दोस्तों की चतुराई और बहादुरी के कारण उन चारों राजकुमारों से उन्हें मुक्ति मिल गई थी। वहीं राजा को पता चल चुका था कि उन के बेटे उन के राज्य के लायक नहीं थे।
राजा- “चलो बच्चों, अब तुम सभी विश्राम कर लो और शाम को भोजन के लिए तैयार हो जाना, शाम को जश्न मनाया जाएगा!”
टॉबी- “अरे वाह ! इस का मतलब बहुत मजा आने वाला है!”
लव- “आज फिर से दावत मिलेगी, वाह वाह!!”
राजा- “हां, आप सभी की हर पसंदीदा चीज खाने के लिए बनाई जाएगी!”
कुश- “इस मार्ग पर कठिनाइयां तो बहुत है, लेकिन एक फायदा तो है कि पकवान बहुत अच्छे मिलते हैं!”
कर्मजीत- “हां कुश, बिल्कुल सही कहा!”
करण- “बस यही एक अच्छी चीज लगती है सब को…!”
सुनहरी चिड़िया- “चलो कुछ तो फायदा हो रहा है हा हा हा!”
शुगर- “टॉबी को तो देखो, सब से खुश तो यही हो रहा है, है ना टॉबी!”
टॉबी- “हाँ शुगर, बहुत ही ज्यादा, मुझे बहुत सारे मोदक चाहिए और पूड़ियां भी!”
बुलबुल- “अच्छा और क्या-क्या चाहिए?”
टॉबी- “सब कुछ खा लूंगा!! बाकी और क्या खाना है, ये बाद में सोच कर बताऊंगा!”
और उस की यह बातें सुन कर सभी हंसने लगते हैं।
तो शाम के वक्त, जश्न की सारी तैयारियां हो चुकी थी…. करण और उस के बाकी मित्रों को पहनने के लिए नए वस्त्र दिए जाते हैं…..सभी लोग अच्छे वस्त्र पहन कर दरबार में आते हैं।
बुलबुल- “वाह!! दरबार कितना सुंदर लग रहा है!”
लव- “हां ऐसा लग रहा है जैसे स्वर्ग में आ गए हैं हम!”
कुश- “तुम ने कभी स्वर्ग देखा है क्या??”
लव- “नही, पर सुंदर होता है, सुना है!”
वधिराज- “हां अत्यंत सुहावना लग रहा है!”
करमजीत- “वास्तव में, कितना खूबसूरत सजाया गया है!”
लव- “मुझे तो खाने की भी बहुत अच्छी खुशबू आ रही थी बाहर!”
कुश- “हां भाई तुम बिल्कुल सही कह रहे हो, मुझे तो अब बहुत जोर की भूख भी लग रही है!”
सेनापति रघु प्रताप- “हां हां क्यों नहीं बस थोड़ी देर में ही खाना शुरू हो जाएगा, तब तक आप ये जलेबियां खाइए और आनंद उठाइए!”
करमजीत- “धन्यवाद!”
करण- “जलेबियाँ तो काफी स्वादिष्ट है!”
लव- “हाँ, अत्यंत स्वादिष्ट!”
इस के बाद सभी लोग बैठ जाते हैं और जलेबियां खाते-खाते आनंद उठाते हैं।
कुछ घंटों बाद जश्न खत्म होता है और सभी लोग सोने के लिए अपने कमरे में चले जाते हैं।
कर्मजीत- “तो हम लोग, कल सुबह ही यहां से निकल चलेंगे!”
करण- “हाँ, चलो अब विश्राम करते हैं!”
उसी रात चिड़िया को एक भयानक सपना आता है , चिड़िया चिल्लाते हुए उठ जाती है।
उस की आवाज से सब जाग जाते हैं।
बुलबुल- “क्या हुआ राजकुमारी जी!”
करण- “आप ने कोई बुरा सपना देखा क्या??”
चिड़िया- “हां मैंने सपने में देखा कि राज्य में हमला हो गया है और राजा जी को भी मार दिया गया है और और —-!!”
करमजीत- “और क्या, आप घबरा क्यों रही है राजकुमारी जी?”
चिड़िया- “और मुझे यही महल दिखा, मुझे इस महल का कमरा दिखा!!”
वधिराज- “और कौन दिखा? मारने वाले का चेहरा दिखा”
चिड़िया- “मारने वाले को सपने में तो नहीं देख पाई, बस उस का वो कमरा दिख गया ।
करण- “हम सब को यहाँ रुक कर उस कमरे को ढूंढना होगा,!”
बुलबुल- “हाँ चलो!!”
और सब लोग, महल में घूमते रहते हैं और आखिर ढूंढते हुए वो उस कमरे तक पहुंच जाते हैं।
चिड़िया- “यही है वो कमरा!”
करण- “मैं चुपके से देखता हूँ अंदर कौन है!”
करण चुपके से अंदर देखता है तो उसे अंदर वह तीन जादुई इंसान दिखते हैं
करण- “यह कमरा तो उन तीनों का है, जो फल से इंसानी रूप में बदल गए थे, यहां से जल्दी से निकलो”
लव- “वही तीनों जो नाग नागिन जैसे थे?”
बुलबुल- “हॉं करण उन्ही तीनो की बात कर रहा है!”
करमजीत- “उन राजकुमारों ने इन तीनों जादुई लोगों को ये कमरा दिया हुआ होगा!”
चिड़िया- “इस का अर्थ यह है कि ये लोग कुछ गड़बड़ करने वाले हैं!”
वधिराज- “हाँ, हम सब को जो करना है, जल्द ही करना होगा… राजा की जान भी खतरे में पड़ सकती है!’
करण- “कर्मजीत तुम अंगूठी से गायब हो के आज इन सब के कमरे में जाना और इन की सारी वार्तालाप सुन लेना ताकि पता चल सके कि उन की क्या योजना है!”
करमजीत- “हां ठीक है!”
रात को मौका पा कर करमजीत अपने आप को पहले गायब कर लेता है और उन 3 जादूगरों के कमरे में चला जाता है… जहां वो सारी बातें सुन लेता है।
जादूगर लड़की 1- “दो राजकुमार ही बच गए हैं, वो भी कैद में हैं। बस राजा का खात्मा करना बाकी है!”
जादूगर लडक़ी 2- “हाँ बस यह काम भी पूरा हो जाएगा उसके बाद उस करण और उस के साथियों का भी खात्मा करना है!”
जादूगर लड़का- “मैंने सेनापति रघु प्रताप को तो पहले ही मार दिया है,और सब मुझे ही सेनापति रघु प्रताप समझ रहे हैं हा हा हा!”
लड़की 1- “हां तुम ने रघुप्रताप का भेष बना रखा है और सब को सच ही लगेगा!”
तो करमजीत को पता लग जाता है कि रघु प्रताप के भेष में वो जादूगर था ।
जादूगर लड़की 1- “अब तो हम यह जंग जीत के ही रहेंगे!”
जादूगर लड़की 2– “इन बेवकूफ राजकुमारों और उस करण और उस की मंडली ने तो हमारा काम बड़ा आसान कर दिया… हा हा हा हा!”
जादूगर लड़का- “हा हा हा, हम पहले राजा के राज्य में हमला करेंगे और ऐसे ही बाकी अन्य राज्यों को लूटेंगे और देखते ही देखते हम सब से धनवान और शक्तिशाली राज्य बन जाएंगे!…
तो करमजीत जल्दी से वहां से चला जाता है और यह सारी बातें अपने साथियों को बता देता है।
करण- “इस का मतलब है कि इन जादूगरों ने अपना जादू पूरे राज्य में फैला रखा होगा!”
वधिराज- “अब क्या करें राजकुमारी?”
चिड़िया- “ऐसा करते है, हम लोग यहां से जाने का नाटक करते हैं और,इन की असली जगह पर चलते हैं।”
बुलबुल- “पर उस से क्या होगा राजकुमारी जी??”
चिड़िया- “हो सकता है जहां पहले ये रहा करते थे, वहां जाने पर हमें इन के जादू का तोड़ पता चल सके!”
वधिराज- “हाँ, सही कहती है आप!”
करण- “हमारे पास ज्यादा वक्त नही है!”
बुलबुल- “जल्दी ही हम लोग यहां से निकल पड़ते हैं !”
चिड़िया- “हां मैंने अपनी दिव्य शक्ति से देख लिया है कि उन का अड्डा आस पास ही है।
करण- “ठीक है, अब हमे देरी नहीं करनी चाहिए!”
सभी लोग चिड़िया के बताए हुए रास्ते पर चलते जाते हैं और तभी आगे जाने पर उन्हें वहां पर एक गाँव मिलता है।
चिड़िया- “यह देखो यह वही मैदान है, बार-बार मुझे यह दिख रहा है कि इस मैदान में वे तीनों जब छोटे थे, तो खेला करते थे!”
वधिराज- “तो अवश्य यह उन्हीं का गांव होगा!”
तभी चिड़िया एक औरत के पास जाती है और उन 3 जादूगरों के बारे में पूछती है।
औरत- “हां वह दोनों मेरे बहुत अच्छे दोस्त थे लेकिन बाद में उन्हें न जाने क्या हो गया । वह किसी से बोलती भी नहीं थीं और जब देखो किसी ने किसी पर गुस्सा ही करती रहती थी…. फिर तो कुछ समय बाद वे लोग गांव छोड़ कर चले गए!”
करण- “अच्छा कोई ऐसी चीज थी जो आप लोगों को थोड़ी अजीब लगती थी?”
औरत- “हाँ, हमारे गांव में थोड़ी दूर आगे बढ़ने पर एक पेड़ है…वो ज्यादातर अपना समय वहीं पर बिताया करती थी,
वधिराज- “यह सब बताने के लिए आप का बहुत-बहुत धन्यवाद बहन!”
औरत- “कोई बात नहीं!”
सभी लोग उस पेड़ के पास पहुंच जाते हैं… चिड़िया को लगता है कि शायद उस पेड़ के नीचे कुछ तो है.. तभी टॉबी और शुगर अपने पंजों से उस जगह को खुरचने लगता है।
टॉबी- “देखो करण, यहां कुछ है, मुझे अहसास हो रहा है!”
बुलबुल- “जल्दी खुरचो टॉबी, शुगर। कुछ तो मिल ही जायेगा!”
शुगर- “यह कोई दरवाजा है, देखो इस की कुंडी बाहर आ गयी है!”
कर्मजीत- “अंदर कोई रहस्यमयी जगह है, जरूर कुछ मिलेगा वहां!”
वहीं उन तीनों जादूगरों को अहसास हो गया था कि उन के अड्डे पर कोई पहुंच गया है!
जादूगर लड़कीं 1- “हमारे अड्डे में कोई जाने की कोशिश कर रहा है!”
लड़की 2- “किस ने इतना दुस्साहस किया है , वहां तक जाने का!”
लड़का- “चिंता मत करो, मैं अभी देख लेता हूँ कि कौन है!”
तभी जादूगर लड़का अपनी आंखें बंद करता है और अपनी शक्ति से देख लेता है कि करण और उस के साथी वहां उन के अड्डे पर है ।
जादूगर लड़का -“यह तो करण और उस के साथी है!”
लड़की 1- “इन्हें तो अब अच्छा सबक सिखाना होगा, बहुत अच्छा मौका है हमारे पास!”
लड़की 2- “हां उन्हें अंदर जाने दो और हम यहीं से इन्हें मौत के घाट उतार देंगे हा हा हा!”
जादूगर लड़का- “हा हा हा यह जानते भी नहीं कि क्या होगा इन के साथ अब! ये खुद मौत के मुंह में जा रहे हैं , अब नहीं बचेंगे!”
वहीं टॉबी और शुगर कुछ देर मेहनत करते हैं और वहां जमीन में एक दरवाजा दिखाई पड़ता है
सभी लोग अंदर चले जाते हैं ,, और धीरे धीरे आगे बढ़ते हैं।
बुलबुल- “कितना अंधेरा है और कितनी भयानक जगह है!”
लव- “बायीं ओर कुछ है, मुझे आवाजें आ रही है!”
कर्मजीत- “सब लोग सावधान!”
कुश- “अरे यह तो सिर्फ चूहा है, चलो दोस्तों,डरो मत,आगे बढ़ो!”
और थोड़ी दूर बढ़ने पर ही सभी की आंखें खुली की खुली रह जाती हैं। वे सभी देखते हैं कि वहां पर बहुत सारी मूर्तियाँ रखी हुई है…जिन की शक्ल उन तीनों जादूगरों से मिल रही है।
वधिराज- “इस का अर्थ यह है कि इन में से ही कोई 3 खास मूर्ति होगी.. जिस में उन सभी की जान बसी होगी…यदि उन मूर्तियों को तोड़ दिया जाए तो उन का जादू भी खत्म हो सकता है!”
करण- “परंतु यह तो संख्याओं में बहुत सारी हैं…अब कैसे पता चलेगा कि वो उन में से कौन सी मूर्ति है?”
करमजीत- “मैं अपनी शक्ति का इस्तेमाल कर के इन मूर्तियों को जलाने की कोशिश करता हूँ!”
तभी करमजीत अपनी जादुई शक्ति का इस्तेमाल कर के उन सभी मूर्तियों को जलाने लगता है परंतु ऐसा नहीं हो पाता क्यूंकि बहुत तेज हवाएं चलने लगती हैं और आग बुझ जाती है
कर्मजीत- “यहाँ मेरी शक्तियाँ काम नहीं कर रही है!”
लव- “लगता है उन के जादू का असर बहुत ज्यादा है!”
सभी लोग सोच ही रहे थे कि तभी अचानक से बड़ी सी पानी की लहर उन के पीछे से आने लगती है।
दरअसल ये तीनों जादूगरों का ही काम था और यह पानी की लहर भी उन्ही तीनों ने इन की तरफ भेजी थी
जादूगर लड़की 1- “मरो अब तुम सब लोग हा हा हा हा!”
जादूगर लड़की 2- “हा हा हा, बेवकूफ !!”
टॉबी- “जल्दी करो दोस्तों, पीछे से बहुत सारा पानी आ रहा है, हम सब डूब जाएंगे!”
शुगर- “बहुत डर लग रहा है, अब क्या होगा टॉबी!”
तभी चिड़िया को तीन मूर्तियां दिखती हैं जो कि साथ में जुड़ी हुई थी और बाकी सब मूर्तियां अलग-अलग थी!
चिड़िया- “अवश्य इन मूर्तियों में ही उन सब का जादू होगा!”
करण- “इन्हे तोड़ना होगा, जल्दी, वधिराज!”
और वधिराज आगे बढ़ कर उन मूर्तियों को अपने हाथों से तोड़ देता है।.
लेकिन तभी जमीन में गड्ढा बन जाता है और वधिराज वहां से नीचे गिरने लगता है… कि तभी करण चुटकी बजाता है और वधिराज उस स्थान से दूसरे स्थान पर आ जाता है।
वहीं पीछे से आ रही पानी की लहर भी अचानक से गायब हो जाती है।
चिड़िया- “धन्य हो.. प्रभु!”
शुगर- “हे भगवान शुक्र है आप का, हम लोग बच गए!”
लव कुश- “हम बच गए, हम बच गए!”
तो जानने के लिए बने रहिये के करण और उसके दोस्त उनकी इस नयी मुसीबत का सामना कैसे करेंगे।