Homeआध्यात्मिक न्यूज़आरती के बाद बोला जाता है यह मंत्र, आखिर क्या महत्व है इस मंत्र का?

आरती के बाद बोला जाता है यह मंत्र, आखिर क्या महत्व है इस मंत्र का?

आरती के बाद बोला जाता है यह मंत्र, आखिर क्या महत्व है इस मंत्र का?

अकसर मंदिर में या घर पर आपने पंडितों से या अपने बड़ों से ये मंत्र सुना होगा। आरती के बाद अकसर इस मंत्र को बोला जाता है। वास्तव में इस मंत्र का क्या अर्थ है और इस मंत्र को क्यों बोला जाता है और इसके पीछे क्या राज छिपा है यह जानते है:

मंत्र

कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।

मंत्र का पूरा अर्थ-

आरती के बाद बोला जाता है यह मंत्र, आखिर क्या महत्व है इस मंत्र का?

मंत्र का पूरा अर्थ

जो भगवान अर्थात शिव कर्पूर जैसे गौर वर्ण वाले हैं, करुणा के अवतार हैं, संसार के सार हैं और भुजंगों का हार धारण करने वाले हैं, वे भगवान शिव मेरे ह्रदय में वास करें। ऐसे भगवान शिव को मेरा नमस्कार है।

 

क्यों बोला जाता है मंत्र?

आरती के बाद बोला जाता है यह मंत्र, आखिर क्या महत्व है इस मंत्र का?

क्यों बोला जाता है मंत्र?

किसी भी पूजा के अंत में आरती के बाद इस मंत्र को बोला जाता है। इसके पीछे कहा जाता है कि शिव-पार्वती विवाह के समय भगवान विष्णु ने शिव के इस मंत्र को कहा था। शास्त्रों के अनुसार शिव को पशुपतिनाथ भी कहा जाता है। इसलिए इस मंत्र के द्वारा कहा जाता है कि संसार के अधिपति हमारे मन में वास करें। शिव जिन्हें मृत्यु का भी भय नहीं, जो शमशान में रहते हैं ऐसे शिव हमारे मन में वास करें।

 

तेजस्वनी पटेल, पत्रकार (+91 9340619119)

– तेजस्वनी पटेल, पत्रकार
(+91 9340619119)

 

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