दीपावली की 6 विशेषताएँ: रोशनी का पर्व
भारत में कोई अतिश्योक्ति नहीं है की यह पर्व ख़ुशी उमंग उत्साह खुशहाली अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है। पांच दिनों तक चलने वाला यह पर्व सभी सगे सम्बन्धियों को इक दूजे के करीब लाता है सब मिलकर एक साथ इस पर्व की तैयारियां करते है फिर साथ ही मिलकर घरो व दुकानों को सजाते है, दीये की लौ से सारे वातावरण को रोशन करते है ताकि बुराई रूपी अंधकार सबके जीवन से दूर हो जाये। चूँकि यह पर्व अमावस्या (इस दिन चाँद नहीं आता है) को मनाया जाता है इसीलिए यह रात दीये व मोमबत्तियों की रोशनी से प्रकाशमान होती है। इस दिन की सुबह को हिन्दू वर्ग नए साल के रूप में भी मनाते है।
सम्पूर्ण देश में इसको मनाने के अलग अलग कारण व कहानियाँ है इस दिन को हिन्दू वर्ग भगवान राम जी की रावण को हरा कर अपने राज्य अयोध्या वापिस आने की ख़ुशी में मनाते है। इसी दिन लक्ष्मी व गणेश जी की पूजा की जाती है। आईये इसकी और भी कई विषेशताओं के बारे में जानते है:
1रामायण की कहानी
कहा जाता है इसी दिन भगवान श्रीराम, लंकापति रावण का वध करके 14 वर्ष पश्चात् अपने राज्य अयोध्या वनवास पूरा करके लौटे थे। उनके स्वागत हेतु अयोध्यावासियों ने देसी घी के दीये जलाये, तभी से इस दिन दीपमाला करने की परम्परा शुरू हुई। ग्रन्थ रामायण में इस का विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है।
2लक्ष्मी गणेश पूजा
जैसे रामायण में दीवाली पर्व की विशेषता है वैसे ही इस पर्व में लक्ष्मी गणेश जी की पूजा की भी अहम भूमिका व विशेषता है। भारत में लोगो का मानना है की इस दिन इन दोनों देवों की पूजा करने से ज़िंदगी खुशहाल, सुखी, धन सम्पदा से सम्पन होती है।
3पारंपरिक दीये
इस त्यौहार की जान है दीये, इनके बिना यह त्यौहार कभी भी रोशनी का पर्व नहीं कहलाता। इस दिन सब लोग अपने घरों व आस पास के इलाको में दीपमाला करते है, इसीलिए इन दिनों में मिट्टी के बने दीये की मार्किट में डिमांड बढ़ जाती है। इनके अलावा आजकल और भी कई तरह के सामान व धातु से बने हुए दीये प्रचलन में है।
4रंगोली
एक और विशेषता इस पर्व की है, सूंदर रंगो से बनाई गयी रंगोली। इसको घरों के बाहर फर्श पर विभिन्न रंगो से बनाया जाता है। वास्तव में यह कला व सृजनता का बेमोल नमूना है जो आपको सभी घरों में मिल जायेगा।
5स्वादिष्ट मिठाईआ
अन्य त्यौहारों की तरह इस त्यौहार पर भी लोग एक दूसरे का मुँह मिठाई से मीठा करवाते है, इसका खूब आदान-प्रदान किया जाता है। कई दिन पहले ही हलवाई मिठाई बनाने में लग जाते है, बाजार कई तरह के आकार, दिखावट व् स्वाद की मिठाईयो से भर जाता है। बल्कि इसका ज्यादातर उपयोग दीवाली गिफ्ट के रूप में ज्यादा किया जाता है।
6उपहारों का आदान-प्रदान
जो रस्म सबसे ज्यादा चेहरों पे खुशी लाती है वो है उपहार। इस दिन सब लोग एक दूसरे हो चाहे वो बच्चा हो, सहकर्मी हो, मित्र हो, रिश्तेदार हो, दूर का पड़ोसी हो सबको उपहार देते व लेते है। अगर कोई पास नहीं है तो उसको उपहार भिजवाया भी जाता है ताकि कोई भी व्यक्ति इस रोशनी के त्यौहार पर खुद को अकेले न समझे व न ही दुखी हो सब इस माहौल में खुश रहे आनंद माने। आजकल तो कंपनियों में यह रिवाज हो गया है की दिवाली पर सभी कर्मचारियों को उपहार दिए जाते है।
दीपावली खुशियों रोशनी व् पटाखों का पर्व है। इसे अपने सगे सम्बन्धियों के साथ पुरे जोश व उत्साह के साथ मनाये मगर अपनी सुरक्षा का भी पूरा ख्याल रखे।
Ms. Ginny Chhabra (Article Writer)