रजोदोष निवारण के लिए मन्त्र व विधि
रजोदोष निवारण के लिए मन्त्र व विधि इस प्रकार है|
ॐ रि जय चामुण्डे घूम राम रमा|
तरुवर चढ़ि जाय||
यह देखत अमुक के सब रोग पराय|
ॐ शिलं हुँ फट् स्वाहा||
अमुको रजो दोष नाशय||
रजोदोष निवारण के लिए मन्त्र की विधि इस प्रकार है|
इस मन्त्र को 1008 बार जप करके सिद्ध करें फिर जब यह प्रयोग किसी स्त्री के लिए करना हो तो केला लेकर इस मन्त्र से 21 बार अभिमन्त्रित कर उस स्त्री को खिला दें| इस प्रकार 21 दिन तक प्रयोग करने से स्त्री के रजोधर्म सम्बन्धी सभी दोष दूर होते हैं| अमुक के स्थान पर स्त्री का नाम उच्चारण करें|