धर्मराज का मन्त्र व विधि
धर्मराज का मन्त्र व विधि इस प्रकार है|
ॐ क्रों ह्रीं आं वैं वै वस्वताय|
धर्मराजाय भक्तानुग्रह कृते नमः||
धर्मराज का मन्त्र की विधि इस प्रकार है|
जो साधक इस मन्त्र का एक लाख जप कर लेता है| उसे मृत्यु के बाद नरक में नहीं जाना पड़ता है|