जानें, शिव की लिंग रूप में क्यों पूजा की जाती है
शिव शंभु आदि और अंत के देवता है और इनका न कोई स्वरूप है और न ही आकार वे निराकार हैं।
शिव शंभु आदि और अंत के देवता है और इनका न कोई स्वरूप है और न ही आकार वे निराकार हैं।
लखनऊ, 16 मार्च। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) द्वारा ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ का भव्य आयोजन आज सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) ऑडिटोरियम में उल्लासपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ।
सभी देवी –देवताओं की पूजा –उपासना करने के बाद भी अक्सर इंसान का मन भटकता ही रहता है।
भारतीय सभ्यता में हर दिन का अलग महत्व है। खासतौर से गुरुवार को तो धर्म का दिन मानते हैं।
वास्तु के अनुसार घर में पूजा स्थान हमेशा ईशान कोण यानी कि उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। इस दिशा में पूजा घर होने से घर में तथा उसमें रहने वाले लोगों पर सकारात्मक ऊर्जा का संचार हमेशा बना रहता है।
सभी हनुमान भक्त मंगलवार और शनिवार का व्रत बजरंगबली के लिए कर सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगलवार का व्रत उन्हें करना चाहिए जिनकी कुंडली में मंगल ग्रह निर्बल हो और जिसके चलते वह शुभ फल नहीं दे रहा हो।
जीवन में ग्रहों का प्रभाव बहुत प्रबल माना जाता है और उस पर भी शनि ग्रह अशांत हो जाएं तो जीवन में कष्टों का आगमन शुरू हो जाता है। इसलिए शनि दोष से पीड़ित जातकों को शनिवार के दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उनका पूजन और व्रत रखे।
अगर आपकी कुंडली में किसी प्रकार का दोष है तो शुक्रवार को किए गए कुछ उपाय दोष से छुटकारा दिला सकते हैं।
सूर्य का रत्न माणिक्य बेहद ताकतवर रत्न है और नीलम के समान ही इसका भी बहुत जल्दी प्रभाव दिखता है।