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जीवन में सही वास्तु को अपनाना बहुत जरूरी है। ग्रह-नक्षत्रों से ज्यादा प्रभाव वास्तु का पड़ता है। कई बार हम वास्तु से जुड़ीं ऐसी गलतियां कर देते हैं जिससे घर में विपन्नता और अभाव का वास हो जाता है।

महादेव सदैव अपने भक्तों का मार्गदर्शन करते रहते हैं। उनको सही राह दिखाना और अध्यात्मिक जीवन की तरफ चलने के लिए प्रेरित करना वे कभी नही भूलते। अगर भक्त हमेशा भगवान शिव के बताए मार्ग पर चलेगें तो उनको कभी निराशा हाथ नहीं लगेगी और वे सदैव खुश और कुशल रहेंगे।

भारत का इतिहास संत और मुनियों की गौरवमयी गाथाओं से भरा है। इस देश की धरती पर अनेक तीर्थंकर, अवतार, महापुरुष एवं संतपुरुष अवतरित हुए जिन्होंने अपने व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व से समाज व राष्ट्र को सही दिशा और प्रेरणा दी। महापुरुषों की इस अविच्छिन्न परम्परा में शासन गौरव मुनिश्री ताराचंदजी भी एक ऐसे ही क्रांतिकारी संत हैं, जिन्होंने राजस्थान के सरदारशहर कस्बे में आचार्य श्री महाश्रमणजी के आदेशानुसार 22 मार्च 2019 को संलेखना साधना प्रारंभ की और 7 अप्रैल 2019 को सोलह की तपस्या में स्व इच्छा से ही प्रेरित होकर आजीवन तिविहार अनशन (संथारा) को स्वीकार किया है। जैन धर्म में संथारा अर्थात संलेखना- ’संन्यास मरण’ या ’वीर मरण’ कहलाता है। यह आत्महत्या नहीं है और यह किसी प्रकार का अपराध भी नहीं है बल्कि यह आत्मशुद्धि का एक धार्मिक कृत्य एवं आत्म समाधि की मिसाल है और मृत्यु को महोत्सव बनाने का अद्भुत एवं विलक्षण उपक्रम है।

लखनऊ, 13 अप्रैल। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, अलीगंज (प्रथम कैम्पस) के तत्वावधान में दो-दिवसीय मॉडल युनाइटेड नेशन्स (एम.यू.एन.) कान्फ्रेन्स का शुभारम्भ आज विद्यालय प्रांगण में हुआ।

लखनऊ, 13 अप्रैल। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, महानगर कैम्पस का सात-सदस्यीय छात्र दल सी.आई.एस.वी. यूथ मीटिंग में प्रतिभाग हेतु आज नार्वे रवाना हो गया। नार्वे रवाना होने से पूर्व इस छात्र दल को विद्यालय के शिक्षकों व अभिभावकों ने चारबाग रेलवे स्टेशन पर फूल-मालाएं पहनाकर हार्दिक शुभकामनाएं दी।

तव्चा का मामला पृथ्वी तत्व का मामला है। मुख्य रूप से इसका संबंध बुध से होता है। बुध त्वचा को नवीन और अच्छा बनाये रखता है। इसके अलावा मंगल और सूर्य भी त्वचा से संबंध रखते हैं। मेष मिथुन और कन्या राशि भी त्वचा से जुड़ी हुयी राशियाँ मानी जाती हैं।

शरीर में कुल मिलाकर पांच तत्व और तीन धातुएं होती हैं। ये पांचों तत्व और तीनों धातुएं नौ ग्रहों से नियंत्रित होते हैं। जब कोई तत्व या धातु कमजोर होती है, तब शरीर में बीमारियां बढ़ जाती हैं। इनसे संबंधित ग्रहों को ठीक करके हम शरीर की बीमारियों को दूर कर सकते हैं।