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धूप और छांव की तरह जीवन में कभी दुःख ज्यादा तो कभी सुख ज्यादा होते हैं। जिन्दगी की सोच का एक महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि जिन्दगी में जितनी अधिक समस्याएं होती हैं, सफलताएं भी उतनी ही तेजी से कदमों को चुमती हैं।

संपूर्ण विश्व में ‘सार्वभौमिक बाल दिवस’ 20 नवंबर को मनाया गया। उल्लेखनीय है कि इस दिवस की स्थापना वर्ष 1954 में हुई थी।

‘दुर्घटना’ एक ऐसा शब्द है जिसे पढ़ते ही कुछ दृश्य आंखांे के सामने आ जाते हैं, जो भयावह होते हैं, त्रासद होते हैं, डरावने होते हैं।