परमात्मा ने दो तरह की योनियाँ बनायी हैं – पहला पशु योनियाँ तथा दूसरा मानव योनि। हिन्दु शास्त्रों के अनुसार 84 लाख पशु योनियों में अगिनत वर्षों तक कष्टमय जीवन बीताने के बाद मानव योनि में जन्म बड़े सौभाग्य से मिलता है।
माया क्या है? भ्रम| जो दिख रहा है, वह सत्य लगता है, यह भ्रम है| शरीर ही सबकुछ है, भ्रम है| नष्ट हो जाने वाली वस्तुएं शाश्वत हैं, भ्रम है| मकान-जायदाद, मेरी-तेरी, भ्रम है| रिश्ते-नाते सत्य हैं, भ्रम है… यही माया है|