असली सुख
राह चलते किसी सेठ की मुलाकात एक साधू से हुई| बातों ही बातों में सेठ ने कहा, ‘महाराज, मेरे जीवन में उपभोग की सभी वस्तुएँ हैं मगर सुख नहीं है|’ साधु ने मुस्कुराकर पूछा, ‘कैसा सुख चाहते हो? क्या तुम्हें वास्तव में सुख की तलाश है?’
राह चलते किसी सेठ की मुलाकात एक साधू से हुई| बातों ही बातों में सेठ ने कहा, ‘महाराज, मेरे जीवन में उपभोग की सभी वस्तुएँ हैं मगर सुख नहीं है|’ साधु ने मुस्कुराकर पूछा, ‘कैसा सुख चाहते हो? क्या तुम्हें वास्तव में सुख की तलाश है?’
“Sanjaya said, ‘Flying away in consequence of the falling of Arjuna’sarrows, the broken divisions of the Kauravas, staying at a distance,continued to gaze at Arjuna’s weapon swelling with energy and careeringaround with the effulgence of lightning.
1 बृहदश्व उवाच
अथ काले शुभे पराप्ते तिथौ पुण्ये कषणे तथा
आजुहाव महीपालान भीमॊ राजा सवयंवरे
किसी सरोवर में अनागत विधाता, प्रत्युत्पन्नमति और यद्भविष्य नामक तीन मत्स्य रहते थे| एक दिन की बात है कि उस तालाब की ओर से कुछ मछुआरे निकले और उसमें देखकर कहने लगे|
“Bhishma said, ‘When that night passed away, the high-souled king Kusikaawoke and went through his morning rites.
“Yudhishthira said, ‘Thou hast said, O grandsire, that behaviour is thefirst (of requisites for a man). Whence, however, does Hope arise? Tellme what it is. This great doubt has taken possession of my mind.
आपने जम्मू की वैष्णो माता का नाम अवश्य सुना होगा। आज हम आपको इन्हीं की कहानी सुना रहे हैं, जो बरसों से जम्मू-कश्मीर में सुनी व सुनाई जाती है। कटरा के करीब हन्साली ग्राम में माता के परम भक्त श्रीधर रहते थे। उनके यहाँ कोई संतान न थी।