भाई दूज कथा
भगवान सूर्यदेव की पत्नी का नाम छाया था । उसकी कोख से यमराज तथा यमुना का जन्म हुआ । यमुना अपने भाई यमराज से बडा स्नेह करती थी । वह उससे बराबर निवेदन करती है वह उसके घर आकर भोजन करें ।
भगवान सूर्यदेव की पत्नी का नाम छाया था । उसकी कोख से यमराज तथा यमुना का जन्म हुआ । यमुना अपने भाई यमराज से बडा स्नेह करती थी । वह उससे बराबर निवेदन करती है वह उसके घर आकर भोजन करें ।
“Sanjaya said, ‘On that table land at the foot of Himavat, thosewarriors, O monarch, delighting at the prospect of battle and assembledtogether, passed the night.
विष्णु कांची में दामोदर नामक एक गरीब ब्राह्मण रहते थे| जब उनका विवाह हुआ, तब उन्होंने अपनी स्त्री से कह दिया कि देखो, अब मैं गृहस्थ बन गया हूँ| गृहस्थ का खास काम है-अतिथि-सत्कार करना|
1 [ज]
भगवञ शरॊतुम इच्छामि पार्थस्याक्लिष्ट कर्मणः
विस्तरेण कथाम एतां यथास्त्राण्य उपलब्धवान
एक बार की बात है कि वर्षाकाल आरम्भ होने पर अपना चातुर्मास्य करने के उद्देश्यय से मैंने किसी ग्राम के एक ब्राह्मण से स्थान देने का आग्रह किया था| उसने मेरी प्रार्थना को स्वीकार किया और मैं उस स्थान पर रहता हुआ अपनी व्रतोपसाना करता रहा|
“Yudhishthira said, ‘Tell me O bull of Bharata’s race, how a king,without the usual aids, having obtained a kingdom that is so precious apossession, behave himself towards a powerful foe.’
“Yudhishthira said, ‘I desire to hear, O grandsire, what the merits areof that person who makes the gift of a pair of sandals unto a Brahmanawhose feet are burning or being scorched by hot sand, while he iswalking.’
1 [य]
इमे वै मानवाः सर्वे धर्मं परति विशङ्किताः
कॊ ऽयं धर्मः कुतॊ धर्मस तन मे बरूहि पितामह
1 जनमेजय उवाच
अनुज्ञातांस तान विदित्वा सरत्नधनसंचयान
पाण्डवान धार्तराष्ट्राणां कथम आसीन मनस तदा