बोला तो मरा!
एक राजा था| उसकी कोई सन्तान नहीं थी| एक बार नगर में एक अच्छे सन्त आये| राजा उनके पास गया और सन्तान के लिये प्रार्थना की| सन्त ने कहा कि राजन! तुम्हारे प्रारब्ध में सन्तान लिखी नहीं है|
एक राजा था| उसकी कोई सन्तान नहीं थी| एक बार नगर में एक अच्छे सन्त आये| राजा उनके पास गया और सन्तान के लिये प्रार्थना की| सन्त ने कहा कि राजन! तुम्हारे प्रारब्ध में सन्तान लिखी नहीं है|
यह अत्यन्त स्वास्थ्यवर्द्धक है, विशेष रूप से हरी मटर अधिक लाभकारी होती है, किन्तु यह पचती देर से है| सूखी मटर अपेक्षाकृत कम लाभदायक होती है|
“The sage said, ‘If, on the other hand, O Kshatriya, thou thinkest thatthou hast any prowess still, I shall discourse to thee about that line ofpolicy which thou mayst adopt for recovering thy kingdom.
“Indra said, ‘I wish to know, O Grandsire, what the end is that isattained by him who consciously steals a cow or who sells one frommotives of cupidity.”
1 [य]
कथं राजा परजा रक्षेन न च किं चित परतापयेत
पृच्छामि तवां सतां शरेष्ठ तन मे बरूहि पितामह
1 [दुर]
परेषाम एव यशसा शलाघसे तवं; सदा छन्नः कुत्सयन धार्तराष्ट्रान
जानीमस तवां विदुर यत परियस तवं; बालान इवास्मान अवमन्यसे तवम
“Bhishma said, ‘Thus addressed, O king, by that messenger, king Drupada,like a thief caught (in the act), could not speak. He exerted himselfgreatly, by sending sweet-speeched emissaries with his own instruction tothem, saying,–This is not so,–in order to pacify his brother.
“Dhritarashtra said, “When the invincible Drona, of immeasurable energy,unable to bear (the slaughter of Jayadratha), Wrathfully entered into themidst of the Srinjayas, what did all of you think?