Chapter 47
“Brahmana said. ‘The ancients who were utterers of certain truth, saythat Renunciation is penance.
“Brahmana said. ‘The ancients who were utterers of certain truth, saythat Renunciation is penance.
“‘Yajnavalkya said, These three, O foremost of men, (viz., Sattwa, Rajas,and Tamas), are the attributes of Prakriti.
अर्जुन एवं सुभद्राका पुत्र अभिमन्यु महाभारत महाकाव्यका अद्भुत पात्र है| भगवान् श्रीकृष्णका यह भानजा अर्जुनके समान ही श्रेष्ठ धनुर्धर था| यह वीर्यमें युधिष्ठिरके समान, आचारमें श्रीकृष्णके समान, भयंकर कर्म करनेवालोंमें भीमके समान, विद्या-पराक्रममें अर्जुनके समान तथा विनयमें नकुल और सहदेवके समान था| अभिमन्युका विवाह महाराज विराटकी पुत्री उत्तराके साथ हुआ था|
1 [वैषम्पायन]
ततॊ रामस्य तत कर्म शरुत्वा राजा युधिष्ठिरः
विस्मयं परमं गत्वा परत्युवाच जनार्दनम
1 And the man knew Eve his wife; and she conceived, and bare Cain, and said, I have gotten a man with [the help of] Jehovah.
दातादीन अपने लड़के गोपाल को नित्य शाम को सोने से पहले कहानियाँ सुनाया करता था| एक दिन उसने गोपाल से कहा- ‘बेटा! एक बात कभी मत भूलना कि भगवान् सब कहीं हैं|