बुराई के बदले भलाई
पंडित जयदेव एक बड़े अच्छे संत हए हैं| एक राजा उन पर बहुत भक्ति रखता था और उनका सब प्रबंध अपनी तरफ से ही किया करता था|
पंडित जयदेव एक बड़े अच्छे संत हए हैं| एक राजा उन पर बहुत भक्ति रखता था और उनका सब प्रबंध अपनी तरफ से ही किया करता था|
1 [मार्क]
सकन्दस्य पार्षदान घॊराञ शृणुष्वाद्भुत दर्शनान
वज्रप्रहारात सकन्दस्य जज्ञुस तत्र कुमारकाः
ये हरन्ति शिशूञ जातान गर्भस्थांश चैव दारुणाः
प्रभुजी मैं अरज करुं छूं म्हारो बेड़ो लगाज्यो पार॥
1 And Dinah the daughter of Leah, whom she bare unto Jacob, went out to see the daughters of the land.
“Yudhishthira said, ‘It behoveth thee, O sire, to tell me those names bywhich Daksha, that progenitor of creatures, adored the great deity. Osinless one, a reverent curiosity impels me to hear them.’
एक बार एक गांव में एक लड़का रहता था | उसके मां-बाप बचपन में ही गुजर गए थे | इस दुनिया में उसका सगा कोई न था | उसके जन्म लेते ही उसकी मां की मृत्यु हो गई थी | सब लोग उसे कैनी कहकर पुकारते थे |
बुलबुल बहुत ही भोली-भाली लड़की थी | छल-कपट उसे छू तक नहीं गया था | उसके स्वभाव के विपरीत उसकी एक बहन थी – नाम था रीना | रीना चालाक, मक्कार और आलसी थी |