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प्राचीन समय की बात है| एक फकीर के पास एक कम्बल था| एक चोर ने फकीर का वह कम्बल चुरा लिया| फकीर इस चोरी से दुखी होकर पास के थाने में गया| वहाँ उसने थानेदार को चोरी की गई वस्तुओं की एक लंबी सूची लिखवा दी| रपट में उसने लिखाया- “उसकी रजाई, मसनद, छतरी, गद्दा, कोट, पाजमा और अनेक वस्तुएँ खो गई हैं|”

एक घने जंगल में एक झील थी| उसके किनारे चार मित्र रहते थे| उनमें से एक छोटा-सा भूरा चूहा था| उसकी लम्बी पूंछ और काली चमकीली आंखे थी| वह झील के किनारे एक बिल बना कर रहता था|

“Dhritarashtra said, ‘O Suta, O Sanjaya, this grievous result that hasnow overtaken us is, I think, certainly due to my evil policy. I hadhitherto thought that what is past. But, O Sanjaya, what measures shouldI now adopt? I am now once more calm, O Sanjaya, therefore, tell me howthis slaughter of heroes is going on, having my evil policy for itscause.’