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एक गुरुकुल में दो राजकुमार पढ़ते थे। दोनों में गहरी मित्रता थी। एक दिन उनके आचार्य दोनों को घुमाने ले गए। घूमते हुए वे काफी दूर निकल गए। तीनों प्राकृतिक शोभा का आनंद ले रहे थे। तभी आचार्य की नजर आम के एक पेड़ पर पड़ी। एक बालक आया और पेड़ के तने पर डंडा मारकर फल तोड़ने लगा। आचार्य ने राजकुमारों से पूछा, ‘क्या तुम दोनों ने यह दृश्य देखा?’

कुत्तों के एक दल को कई दिनों तक कुछ भी खाने को नहीं मिला| भूखे कुत्ते भोजन की खोज में इधर-उधर भटकते रहे| भूख से उनकी हालत दयनीय हो गयी थी| अंत में वे एक तालाब के पास पहुँचे, जिसके तल में चमड़ा फुलाया गया था| चमड़े को निकालने का उन्होंने अनथक प्रयास किया, मगर वे सफल न हुए|

बहुत समय पहले हरिद्वार के कनखल क्षेत्र में एक दक्षिण भारतीय ब्राह्मण रहता था| उसके तीन बेटे थे| युवा होने पर ब्राह्मण ने उन्हें विद्या प्राप्त करने के लिए राजगृह भेज दिया| जब वे तीनों अपनी शिक्षा पूरी करके घर लौटे तो कुछ ही दिन पश्चात उनके पिता का देहांत हो गया|