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एक राज्य का राजा बेहद कठोर और जिद्दी था। वह एक बार जो निर्णय ले लेता था, उसे बदलने को तैयार नहीं होता था। एक बार उसने प्रजा पर भारी कर लगाने की योजना मंत्रिमंडल के सामने रखी। मंत्रियों को यह प्रस्ताव अन्यायपूर्ण लगा। उसने इससे अपनी असहमति जताई। राजा क्रोधित हो उठा। उसने मंत्रिपरिषद को समाप्त करने का फैसला किया। यही नहीं, उसने सारे मंत्रियों के देश निकाले का आदेश दे दिया। मंत्री घबराए। वे समझ नहीं पा रहे थे कि इस स्थिति का सामना कैसे किया जाए।

एक समय की बात है| एक कृपण अपने धन को बहुत प्यार करता था| वह खर्च नहीं करता था| उसने अपने धन को सोने में बदल रखा था| घर में रखने से डरता थ, इसलिए बगीचे में घर के पिछवाड़े एक गड्ढे में गाड़ रखा था| कभी-कभी खोदकर, निकालकर आश्वस्त हो लेता कि सोना सुरक्षित है|

कृशांगता, रक्ताल्पता, यकृत मस्तिष्क, हृदय एवं फेफड़ों की शक्तिहीनता तथा वात संस्थान तथा पित्त सम्बन्धी समस्त व्याधियों में पेठा का उपयोग हितकर है| पेठा रक्तचाप और गर्मी से भी बचाता है|

प्राचीन काल में रुद्र शर्मा नामक एक ब्राह्मण की दो पत्नियां थीं| दुर्भाग्य से बच्चे को जन्म देते समय बड़ी पत्नी की मृत्यु हो गई, किंतु उससे उत्पन्न पुत्र बच गया, जिसका पालन-पोषण रुद्र शर्मा की छोटी पत्नी करने लगी|