Chapter 16
“Sanjaya said, ‘Beholding that army of thine exceedingly broken, thevaliant Vrishasena, single-handed, began to protect it, O king,displaying the illusion of his weapons.
“Sanjaya said, ‘Beholding that army of thine exceedingly broken, thevaliant Vrishasena, single-handed, began to protect it, O king,displaying the illusion of his weapons.
ऐसा माना जाता है कि जब भगवान शंकर बैल के रूप में अंतध्र्यान हुए, तो उनके धड से ऊपर का हिस्सा काठमाण्डू में प्रकट हुआ। अब वहां पशुपतिनाथ का मंदिर है। शिव की भुजाएं तुंगनाथ में, मुख रुद्रनाथमें, नाभि मदमदेश्वरमें और जटा कल्पेश्वरमें प्रकट हुए। इसलिए इन चार स्थानों सहित श्री केदारनाथ को पंचकेदार कहा जाता है। यहां शिवजी के भव्य मंदिर बने हुए हैं।
माता गायत्री शक्ति, ज्ञान, पवित्रता तथा सदाचार का प्रतीक मानी जाती है। मान्यता है कि गायत्री मां की आराधना करने से जीवन में सूख-समृद्धि, दया-भाव, आदर-भाव आदि की विभूति होती हैं। माता गायत्री की पूजा में निम्न आरती का भी विशेष प्रयोग किया जाता है।
किसी गांव में एक किसान रहता था| उसकी थोड़ी-सी खेती-बाड़ी थी| उससे उसे जो कुछ मिल जाता, उसी से वह अपनी छोटी-सी गृहस्थी की गुजर-बसर कर लेता था| कभी किसी के आगे हाथ नहीं फैलाता था|
“Vasudeva said, ‘Listen, O son of Kunti, to the story of Rama’s energyand powers and birth as heard by me from great Rishis discoursing uponthe subject.
अकालमृत्युहरणं सर्वव्याधिविनाशनम् ।
विष्णोः पादोदकं पीत्वा पुनर्जन्म न विद्यते ।।
मर्यादा पुरुषोतम श्री राम जी के नाम को ही मन्त्र मन गया है| राम से बड़ा, राम का नाम| राम नाम का जाप करने मात्र से मनुष्य के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं| श्री राम चन्द्र जी को स्मरण करने के लिए आरती का भी पाठ किया जाता है|